ड्रोन तकनीक में देश में रोजगार के उभरते हुए बड़े सेक्टर की संभावनाएंनई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब केदारनाथ के पुनर्निर्माण का काम शुरू हुआ था तो बार-बार मेरे लिए वहां जाना संभव नहीं था। ऐसे में मैं ड्रोन के जरिए केदारनाथ के काम का निरीक्षण करता था। आज सरकारी कामों की गुणवत्ता को देखना है तो यह जरूरी नहीं है कि मुझे वहां निरीक्षण करने कि लिए जाना होगा। उन्होंने कहा कि मैं ड्रोन भेज दूं तो वह जानकारी लेकर आ जाता है और उन्हें पता भी नहीं चल पाता है कि मुझ तक जानकारी पहुंच गई है। पीएम मोदी ने आज प्रगति मैदान में दो दिवसीय 'भारत ड्रोन महोत्सव 2022' का उद्घाटन करते हुए ये बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक को लेकर भारत में जो उत्साह देखने को मिल रहा है, वह अद्भुत है। जो ऊर्जा नजर आ रही है, वह भारत में ड्रोन सर्विस और ड्रोन आधारित इंडस्ट्री की लंबी छलांग का प्रतिबिंब है। यह भारत में रोजगार के एक उभरते हुए बड़े सेक्टर की संभावनाएं दिखाती हैं।

पूर्व की सरकारों ने तकनीक को समस्या समझा
पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों के समय तकनीक को समस्या का हिस्सा समझा गया, उसको गरीब विरोधी साबित करने की कोशिशें हुईं। इस कारण 2014 से पहले गवर्नेंस में टेक्नॉलॉजी के उपयोग को लेकर उदासीनता का वातावरण रहा। इसका सबसे अधिक नुकसान गरीब, वंचितों, मिडिल क्लास को हुआ।
उन्होंने कहा कि बीते आठ साल में जो प्रयास हुए हैं, उसने किसानों का तकनीक के प्रति भरोसा बहुत बढ़ा दिया है। आज देश का किसान तकनीक के साथ कहीं ज्यादा सहज है, उसे ज्यादा से ज्यादा अपना रहा है। ड्रोन तकनीक हमारे कृषि सेक्टर को अब दूसरे स्तर पर ले जाने वाली है। स्मार्ट तकनीक आधारित ड्रोन इसमें बहुत काम आ सकते हैं।
पहली बार देश के गांवों की प्रॉपर्टी की डिजिटल मैपिंग
पीएम मोदी ने कहा कि पीएम स्वामित्व योजना के तहत पहली बार देश के गांवों की हर प्रॉपर्टी की डिजिटल मैपिंग की जा रही है। डिजिटल प्रॉपर्टी कार्ड लोगों को दिए जा रहे हैं। इससे भेदभाव की गुंजाइश खत्म हुई है। इसमें ड्रोन की बड़ी भूमिका रही है।