— अगली सुनवाई 23 अप्रैल को
नई दिल्ली,(दिनेश शर्मा “अधिकारी”)। देश में कोरोना वायरस से पैदा भयावह हालातों से अब तो आप भी अपरचित नहीं होंगे।देख ही रहे होंगे कि किस तरह से हर ओर हाहाकार मचा हुआ है। इस कोरोना संकट में हाहाकार की स्थिति तब और ज्यादा बढ़ गई है जब अस्पतालों में बेड्स की कमी और ऑक्सीजन की बड़ी किल्लत हो रखी है।ऐसे में जहां कई कोरोना मरीज इलाज के अभाव से दम तोड़ दे रहे हैं तो वहीं इलाज के दौरान कई कोरोना मरीजों की सांसें रुकने तक की नौबत आ-जा रही है।और इधर, कोरोना का फैलाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। तो ऐसे में अब इन हालातों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट को आगे आना पड़ा है| सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संकट से पैदा हो रहे हालातों पर स्वयं संज्ञान लिया है और सख्ती के साथ केंद्र सरकार से इन हालातों से निपटने का नेशनल लेवल पर प्लान मांगा है| सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर क्या प्लान बना रखा है…..? इसकी जानकारी वह कोर्ट के समक्ष पेश करे|
चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अगुआई वाली तीन जजों की बेंच ने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि इस वक्त कोरोना और ऑक्सीजन जैसे मुद्दों पर छह अलग-अलग हाईकोर्ट यानी दिल्ली, बॉम्बे, सिक्किम, मध्यप्रदेश, कलकत्ता और इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। ऐसे में केंद्र सरकार यह बताए कि कोरोना पर उसका प्लान क्या है…? चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट 4 मुद्दों पर गौर कर रही है- ऑक्सीजन की सप्लाई, जरूरी दवाओं की सप्लाई, वैक्सीनेशन का तरीका और कोरोना को फैलाव को कैसे रोका जाए…इसलिए केंद्र सरकार इन मुद्दों पर नेशनल लेवल पर क्या योजना रखती है न्यायालय को स्पष्ट रूप से बताये। इस मामले में अब 23 अप्रैल को सुनवाई होगी।