बीकानेर। राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने बीकानेर संभाग के पत्रकारों के साथ वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केन्द्र सरकार के 7 वर्ष पूर्ण होने पर बीकानेर संभाग में स्थित श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू और बीकानेर जिलों में भाजपा संगठन द्वारा आयोजित किये गये सेवा कार्यों की जानकारी दी तथा बीकानेर संभाग की पेयजल समस्याओं, बिजली कटौती, जर्जर कानून व्यवस्था और कोरोना काल में प्रशासन की नाकामी सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार रखे।
राठौड़ ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी ने वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सामाजिक सरोकारिता का धर्म निभाते हुए ”सेवा ही संगठन” ध्येय के साथ समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बीकानेर संभाग में सेवा ही संगठन अभियान के अन्तर्गत करीब 1 लाख 71 हजार से ज्यादा मास्क/सैनेटाइजर, 88 हजार 200 से ज्यादा भोजन पैकेट और श्रमिकों को 98 हजार से ज्यादा राशन किट बांटे गये। वहीं टीकाकरण अभियान में 39 हजार से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन किया गया और युवाओं द्वारा 37 रक्तदान शिविरों व प्लाज्मा डोनेशन कैम्प का आयोजन सहित अनेकों सेवा कार्य किये गये जिनमें 1 हजार से ज्यादा संगठन के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भूमिका निभाई।
राठौड़ ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एक तरफ भाजपा संगठन है जहां कोरोना संकट के समय हमारे कार्यकर्ता सेवा ही संगठन अभियान के माध्यम से बूथ स्तर तक आमजन तक सहायता पहुंचा रहे हैं वहीं दूसरी ओर सत्ता में आसीन कांग्रेस पार्टी है जहां प्रदेश, जिला व ब्लॉक किसी भी स्तर पर सामाजिक सरोकारिता का कोई कार्य नहीं किया गया। दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपने राजनीतिक कार्यकाल का आधा सफर पूरा कर रही कांग्रेस सरकार के मंत्रीगण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी की उपस्थिति में ही आपस में लड़ रहे हैं, अब तो लगता है कि मुख्यमंत्री जी को बैठकों के दौरान भी अलग से पुलिस प्रशासन की तैनाती करके रखनी पड़ेगी। कांग्रेस सरकार के मंत्री बयानवीर बनकर कोरोना कुप्रबंधन का सारा ठीकरा केन्द्र सरकार पर फोड़ रहे हैं। यह सरकार नाम की सरकार है, काम की नहीं।
राठौड़ ने कहा कि मौजूदा सरकार 2.5 वर्ष के दौरान अपनी बजटीय घोषणाओं पर एक कदम भी आगे नहीं चल पाई है। इससे बड़ी शर्मनाक बात क्या होगी कि बीकानेर से आने वाले जलदाय मंत्री बीडी कल्ला जी अपने गृह जिले में भी पेयजल समस्याओं का निस्तारण नहीं कर पा रहे हैं तथा शहर में पानी बिक रहा है। महज आधे घंटे पेजयल आपूर्ति हो रही है और कई घंटों तक बिजली कटौती होने से जनता को पानी नहीं मिल पा रहा है। नहरबंदी के बाद तो हालात बदतर हो गए हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बीकानेर के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में गंदगी, वेंटिलेटरों को चलाने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षित स्टाफ का अभाव, डॉक्टरों की अनुपस्थिति से आमजन त्रस्त रहे। वहीं मरीजों की बढ़ती संख्या के बावजूद भी बीकानेर में 500 बैड का अस्पताल प्रारंभ नहीं करना और केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल । के प्रयासों में राजनीतिक अड़चने पैदा करने जैसे प्रयास किये जाना सरकार की सोची-समझी साजिश ही है।
राठौड़ ने कहा कि बीकानेर संभाग में जर्जर कानून व्यवस्था होने के कारण आमजन दहशत के साये में जीने को मजबूर है और अपराधियों के हौसले बुलंद है। अपराधी जेल से छूटकर फायरिंग कर भय फैला रहे हैं, जेलों में गैंगवार हो रही है और व्यापारियों को डरा धमकाकर रंगदारी मांगी जा रही है। सख्त लॉकडाउन के बावजूद पुलिस प्रशासन के सख्त पहरे में मोटरसाइकिल की चोरियां पुलिस की मुस्तैदी पर प्रश्न चिन्ह लगा रही है। महिला दुष्कर्म, दलित अत्याचार और साइबर क्राइम में राजस्थान देशभर में पहले व दूसरे स्थान पर है। बीकानेर में भुट्टों के चौराहे पर धार्मिक स्थल पर निर्माण को लेकर पुलिस का रवैया शर्मनाक रहा और दोषियों को संरक्षण प्रदान कर तुष्टीकरण की राजनीति की गई।
राठौड़ ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र सरकार की तरफ उंगली उठाने वाले कांग्रेस नेताओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के शासन की तुलना में वर्तमान कांग्रेस सरकार के शासन में पेट्रोल-डीजल पर वैट में रिकॉर्ड 10% की बढ़ोतरी की गई और आज राजस्थान में पेट्रोल पर 36 % और डीजल पर 26 % वैट व 1 रुपये 75 पैसे रोड सैस को वैट के दायरे में लाकर आमजन पर महंगाई का बोझ डाला जा रहा है और सर्वाधिक वैट वसूलने में राजस्थान देश में दूसरे पायदान पर है।
राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोरोना काल में अलग-अलग ऊंचे दामों पर लाखों रैपिड एंटिजन टेस्ट किटों की खरीदी से क्रयादेशों की पूरी प्रक्रिया पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है। सिर्फ मई माह में ही कम से कम 9 बार अलग-अलग कंपनियों से अलग-अलग दामों पर 13 करोड़ 32 लाख रुपये से ज्यादा खर्च कर 14 लाख 30 हजार ”रैपिड एंटिजन टेस्ट किट” की खरीदी की गई है जो संदेह के घेरे में है।
राठौड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केन्द्र सरकार एक-एक डोज को बहुमूल्य बताते हुए इसकी बर्बादी नहीं करने के बारे में राज्यों को जागरूक कर रही है वहीं राजस्थान में टीकों की बर्बादी का आलम यह है कि 2500 से ज्यादा वैक्सीन की डोज कचरे में मिली और अधिकांश डोजों को जमीन में गाड़ दिया गया। राज्य में पहली बार है जब केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन जी के पत्र के बाद 4 जून को माननीय राज्यपाल महोदय ने भी राज्य सरकार द्वारा की जा रही वैक्सीन की बर्बादी को रोकने को लेकर उच्चस्तरीय जांच के लिए पत्र लिखना पड़ा है।
राठौड़ ने कहा कि कोविड से होने वाली मृत्यु के मामले में भी राज्य सरकार का रवैया संवेदनहीन रहा है। राज्य सरकार कोविड मौतों की ऑडिट करवाने की बात तो कह रही है लेकिन हकीकत में कोविड अस्पताल में हुई 52 % मौतों को सरकार कोरोना डेथ नहीं मान रही है जिस वजह से जिन परिवारों ने इस महामारी में स्वजनों को खोया है वह सरकारी सहायता से वंचित रहने को मजबूर है। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी ने प्रदेश में 1 मई से 18 वर्ष से 45 वर्ष तक की आयु के युवाओं के लिए निःशुल्क वैक्सीनेशन हेतु ग्लोबल टेंडर के जरिए वैक्सीन लाने की बड़ी-बड़ी बातें की लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात रहा। फिर ग्लोबल टेंडर के फेल होने के बाद वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए केन्द्र सरकार पर सारी जिम्मेदारी डाल दी।
वर्चुअल प्रेसवार्ता मे भाजपा राजस्थान के प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री विमल जी कटियार, प्रदेश मीडिया के मुकेश भारद्वाज, चम्पा लाल रामावत,,भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य श्री सत्यप्रकाश आचार्य,बीकानेर संभाग मीडिया संयोजक मुकेश आचार्य,चूरू के रवि दाधीच,गंगानगर के गौरव बंसल, हनुमान गढ़ के दीपक खाती बीकानेर के मनीष आचार्य,अशोक प्रजापत, भी( उपस्थित )जुड़े रहे थे प्रेस वार्ता का संचालन संभाग संयोजक मुकेश आचार्य ने किया एवं आभार एव धन्यवाद भाजपा के वरिष्ठ नेता व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सत्यप्रकाश आचार्य ने दिया।