-राजनीतिक दलों ने निजी स्वार्थ के चलते शिक्षा के मंदिरों को राजनीति का अखाड़ा बना दिया

– आज विश्व विद्यालयों में शिक्षा पर नही बल्कि राजनीति पर चर्चा होती है, राजनेता ने छात्रों को शिक्षित बनाने की बजाय अभिभावकों के घर उजाड़े

जयपुर। राजधानी में इन दिनों छात्र संघ चुनाव को लेकर विवाद गहराता जा रहा है एक और जहां छात्र नेता चुनाव की मांग कर रहे है तो वही दूसरी तरफ राजनीति दल भी युवाओं को लुभाने के लिए छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर छात्रों के संग आकार खड़े हो रहे है। वही अब अभिभावकों के प्रमुख संगठन संयुक्त अभिभावक संघ ने भी छात्र संघ चुनाव को लेकर अपना बयान देते हुए ” विश्व विद्यालयों और कॉलेजों में आजीवन छात्र संघ चुनाव पर बैन लगाने की मांग की है “।

संयुक्त अभिभावक संघ का कहना है की कॉलेज और विश्व विद्यालय अब शिक्षा के मंदिर ना रहकर राजनीति का अखाड़ा बन चुके है, जिसका फायदा केवल राजनीतिक दलों से जुड़े राजनेता उठा रहे है और छात्रों को आपस में लड़वाकर खाई खोदने का काम कर रहे है जबकि लाखों आम परिवारों के छात्र गेंहू में घुन की तरह पीस रहे है।

संयुक्त अभिभावक संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर, विश्व विद्यालय केवल शिक्षा प्रदान करने को लेकर बनाएं जाते है किंतु विगत कुछ वर्षों से इन शिक्षा मंदिरों को राजनीति का प्रमुख अखाड़ा बनाने का सुनियोजित षडयंत्र रचा जा रहा है। आज जिस प्रकार छात्र पढ़ाई को छोड़कर चुनाव की मांग को लेकर सड़कों पर है वह निंदनीय है। छात्रों को चुनाव की बजाय शिक्षा पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए ना की चुनाव के फेर में पड़कर अपना भविष्य दांव पर लगाना चाहिए, छात्रों की बेहतर शिक्षा अभिभावकों का सपना होती है, अनेकों कष्टों को झेलकर अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला करवाते है उसके बावजूद जब अभिभावक को यह जानकारी मिलती है की उनका बच्चा पढ़ाई ना कर चुनावी नेतागिरी में उलझा हुआ है तो उनको गहरा आघात लगता है।

जैन ने कहा की जो शिक्षा छात्रों को संस्कार और सम्मान करना सिखाती है उन्ही शिक्षा केन्द्रों पर वही छात्र जाति – धर्म, क्षेत्रवाद, अहंकारवाद के शिकार हो कर देश के उज्ज्वल भविष्य के सपनों को तोड़ रहे है जिनको देश के प्रमुख राजनीतिक दल संरक्षण दे रहे है। ऐसी स्थिति के कॉलेजों में शिक्षा बचाने और देश के भविष्य का संरक्षण करने को लेकर छात्र संघ चुनाव में पूरी तरह से रोक लगनी चाहिए, संयुक्त अभिभावक संघ इसकी प्रमुखता से मांग रखता है।