नई दिल्ली । राहुल गांधीने 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी कोमिली करारी शिकस्त के बाद नैतिकजिमेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद सेइस्तीफा दे दिया था. साथ ही तब उन्होंनेकिसी गैर गांधी परिवार के सदस्य कोकांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की बात कहीथी, लेकिन कांग्रेस के अन्य नेताओं नेसोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बननेके लिए मजबूर किया. अब जब सोनियापद छोड़ रही हैं तो राहुल के लिए रास्ताबनाने के लिए पार्टी एक नए विकल्प परकाम कर रही है.एक साल बाद अब जब एक बारफिर से राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्षबनाए जाने की मांग तेज हो रही है औरसोनिया गांधी उनके लिए अपना रास्ताछोड़ रही हैं तो यह खुद राहुल गांधी केलिए सबसे बड़ी बाधा होगी.राहुल गांधी ने अपने समर्थकों सेकहा था कि उनके फिर से पदभारसंभालने से पहले एक गैर गांधी परिवारके नेता को अध्यक्ष होना चाहिए और इससंबंध में बातचीत भी चल रही है. राहुलगांधी को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनाएजाने से पहले डॉटर मनमोहन सिंह याएके एंटनी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्षबनाया जा सकता है. कोरोना महामारी केबाद एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी कापूर्ण सत्र बुलाया जाए और राहुल गांधीको फिर से अध्यक्ष बनाए जाने का ऐलानकर दिया जाए.सोनिया गांधी छोडऩे जारहीं अध्यक्ष पदइस बीच खबर है कि सोनियागांधी कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष पदछोडऩे जा रही हैं. पार्टी में लंबे समय सेपूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग चल रही है.पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सोनियागांधी ने पार्टी सहयोगियों से कह दिया किउन्होंने एक साल के लिए अंतरिमअध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल पूराकर लिया है और वह अध्यक्ष पद सेहटना चाहेंगी. लिहाजा पार्टी को नयाअध्यक्ष चुनना चाहिए।

दूसरी ओर,कांग्रेस वर्किंग कमिटी (सीडल्यूसी)की बैठक सोमवार को होने जा रही हैऔर सूत्रों ने बताया कि यह बैठकसंगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा करने के लिएबुलाई गई है लेकिन उमीद है कि सोनियाफिर से पद छोडऩे की इच्छा जताएंगीऔर सदस्यों से कहेंगी कि वे खुद पार्टीका नया नेता चुन लें.पार्टी में बदलाव की मांगपार्टी से जुड़े सूत्रों ने इस बातकी पुष्टि की कि कुछ दिन पहले सोनियाने गुलाम नबी आजाद से फोन पर बातकी है. पार्टी नेतृत्व को लेकर एक पत्र10 जनपथ भेजे जाने के बाद कांग्रेस केएक धड़े को लगता है कि पार्टी नेतृत्व कामुद्दा सुलझना चाहिए. तो वहीं कांग्रेस मेंबदलाव की मांग करते हुए सीडल्यूसीसदस्यों, पार्टी सांसदों और पूर्व मंत्रियोंसहित पार्टी के शीर्ष 23 नेताओं नेअंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्रलिखा. यह दावा किया जा रहा है कि पत्रपर गुलाम नबी आज़ाद, आनंद शर्मा,कपिल सिबल जैसे सीनियर नेताओं केअलावा जितिन प्रसाद, मिलिंद देवड़ा,मनीष तिवारी, राज बबर, अरविंदर सिंहलवली और संदीप दीक्षित सहित पार्टी केअन्य युवा ब्रिगेड ने भी हस्ताक्षर किए हैं।

प्लान-बी… तो दलित को पार्टीप्रेजिडेंट बनाने की तैयारी में कांग्रेस!
नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली मेंसोमवार को होने वाली कांग्रेस पार्टीकी कार्यसमिति की बैठक से पहलेदल के भीतर ही अंदरूनी खींचतानजारी है। पूर्व पार्टी प्रेजिडेंटट राहुलगांधी के समर्थक एक बार फिर दलकी कमान राहुल गांधी को सौंपने केलिए सोशल मीडिया से लेकर चि यों के सहारे माहौल बना रहे हैं। हालांकिसबके बीच कांग्रेस पार्टी में कभीसबसे पावरफुल कहे जाने वालेसिंडिकेट लीडर्स (दक्षिण भारतीयनेताओं के समूह) के बीच एक बड़ीरणनीतिपर मंथन होने की खबरें हैं।दक्षिण भारत के कुछ राजनेताओं केसाथ कांग्रेस के अंदरखाने में एकप्लान-बी पर भी काम होने लगा है,जिसपर फिलहाल चर्चाएं सीमित हीहैं। सूत्रों का कहना है इस प्लान केतहत ये रणनीति बनने लगी है किअगर पार्टी का प्रेजिडेंटट गांधी परिवारके बाहर का होता है तो इस बार इसकीकमान किसी दलित चेहरे को सौंपीजाए। सियासत की तमाम चर्चाओं,संभावनाओं और रणनीतियों के बीचकांग्रेस पार्टी के भीतर कुछ नामों परचर्चा है। एक ओर भले ही सोनियागांधी और राहुल गांधी के नामों परचि_ीबाजी हो रही हो, लेकिन कांग्रेसपार्टी के भीतर चर्चाएं कुछ और भी हैं।जिन नामों पर मंथन और संगठन केभीतर राजनीतिक घेराबंदी शुरू हुई है,उनमें सबसे प्रमुख नाम कांग्रेस पार्टीके महासचिव मुकुल वासनिक का है।

गांधी परिवार के सबसे विश्वास पात्रनेताओं में से एक वासनिक एक लंबेवक्त से कांग्रेस पार्टी के संगठन केसारथी रहे हैं। वह कांग्रेस संगठन केउन पावरफुल राजनेताओं में से एकरहे हैं, जिनका संगठन में सीधा दखलकहा जाता रहा है। मुकुल वासनिक कानाम 2019 में उस वक्त भी सामनेआया था, जब तत्कालीन कांग्रेसअध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने पद सेइस्तीफा दिया था। चर्चाओं में मुकुलवासनिक का नाम दो दिन तक रहा,लेकिन बाद में अध्यक्ष पद सोनियागांधी को सौंप दिया गया। हालांकिअब फिर अंदरखाने में वासनिक कानाम तेजी से उभरा है।