देश के बिजली संयंत्रों में कोयला भंडार नौ साल के न्यूनतम स्तर पर

रिपोर्ट – अनमोल कुमार

धनबाद : देश के कई राज्यों में समय से पहले ही भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग में काफी वृद्धि हुई है। इसके चलते थर्मल पावर प्लांट में कोयले की खपत तेजी से बढ़ रही है। यूपी, बिहार, झारखंड के बिजली संयंत्रों में भी स्टॉक घटने लगा है। कोल इंडिया के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, 30 बिजली संयंत्र में कोयले का स्टॉक की स्थिति काफी खराब है। यहां सात दिन से कम का ही कोयला बचा है। अगर यही स्थिति रही तो हालत काफी भयावह हो जाएगा कोल इंडिया के एक वरिष्ठ कोयला अधिकारी ने बताया कि गर्मी शुरू होते ही देश के बिजली संयंत्रों में कोयला भंडार नौ साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। लॉकडाउन के बाद पटरी पर लौट रही औद्योगिक गतिविधियों के चलते बिजली की खपत बढ़ी है। गर्मी के कारण भी कई बिजली कंपनियों में मांग में वृद्धि हुई है। कोयले की आपूर्ति तो पहले की तरह ही हो रही है लेकिन समस्या मांग बढ़ने से हुई है। मिली जानकारी के अनुसार, पहले दक्षिण भारत के बिजली संयंत्रों में कोयले के स्टॉक में कमी थी। अब यूपी, बिहार और झारखंड के बिजली संयंत्रों में भी स्टॉक में कमी आई है। भारत कोकिंग कोल लिमिटेड से दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने संयंत्रों के लिए ज्यादा कोयले की मांग की है। डीवीसी के कुछ बिजली संयंत्र में सिर्फ 5-6 दिन का ही कोयला बचा है।

संकट से निपटने को केंद्र का प्लान
सूत्रों ने बताया कि कोयला संकट से निपटने और बिजली उत्पादन जारी रखने के लिए केंद्र सरकार राज्यों को खदानों के पास वाले संयंत्रों के लिए लिंकेज कोल पर 25 प्रतिशत टोलिंग सुविधा देगी। इसके तहत आयायित कोयले में देशी कोयला मिलाते हैं।