नई दिल्ली।वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप अभी भी पूरी दुनिया में जारी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के मूल का पता लगाने के लिए चीन और वुहान की प्रयोगशाला में दोबारा जांच का प्रस्ताव रखा है. राजनयिकों के मुताबिक चीन की तरफ से इस प्रस्ताव पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने सदस्यों देशों के साथ बंद कमरे में हुई बैठक में यह प्रस्ताव रखा था. इससे एक दिन पहले ही घेब्रेयेसस ने कहा था कि चीन में कोरोना वायरस के प्रसार के शुरुआती दिनों के आंकड़े नहीं मिलने से पहली जांच में बाधा आई थी।
डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व वाली एक टीम ने मार्च में वुहान का दौरा किया था. टीम के सदस्य कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए चार हफ्ते तक वहां जांच पड़ताल करते रहे. इस दौरान चीन के शोधकर्ता उनके साथ साये की तरह बने रहते थे. बाद में संयुक्त रिपोर्ट में टीम ने किसी अन्य जानवरों के जरिये चमगादड़ों से मानव में कोरोना वायरस के फैलने की आशंका जताई थी।
अमेरिका समेत कई देशों को इस रिपोर्ट पर यकीन नहीं हुआ और दोबारा जांच की मांग की गई, खासकर वुहान की प्रयोगशाला की जहां चमगादड़ों पर प्रयोग किया जाता है. राजनयिकों ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के प्रस्ताव में सिर्फ चीन में दोबारा जांच की बात कही गई है और वह भी खासकर वुहान के आसपास की प्रयोगशालाओं की. WHO ने कहा कि चीन ने पर्याप्त डाटा उपलब्ध नहीं कराया. कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन वैश्विक स्तर पर कठघरे में है. लगातार अलग-अलग साक्ष्यों के जरिए उस पर शक गहराता भी जा रहा है।