जयपुर, ( ओम एक्सप्रेस)। कोरोना काल में आमजन हो सकते हैं साइबर क्रिमीनल के शिकार – डीजीपी, महानिदेशक पुलिस एम.एल. लाठर का कहना है कि साइबर अवेयरनैस कम होने के कारण कोरोना काल में लोग साइबर क्रिमीनल के शिकार हो सकते हैं। लाठर शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में साइबर सेफ्टी कैम्पेन के वेबीनार को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज व्यापार, शिक्षा, भुगतान से लेकर अन्य गतिविधियों में इन्टरनेट का व्यापक रुप से उपयोग किया जा रहा है। साइबर अवेयरनैस कम होने पर आमजन साइबर क्रिमीनल के शिकार हो सकते हैं।
राजस्थान पुलिस अकादमी, यूनीसेफ और साइबर पीस फाउण्डेशन की ओर से राजस्थान पुलिस स्थापना दिवस के पर आयोजित एक महीने के साइबर सेफ्टी कैम्पेन का शुभारंभ करते हुए महानिदेशक पुलिस ने कहा है कि बढ़ते साइबर अपराध समाज और पुलिस के समक्ष निरन्तर चुनौती बनते जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में साइबर यूनिट कार्य कर रही है एवं यह यूनिट 5 लाख रुपये तक की राशि के साइबर अपराधों के बारे में अनुसंधान करती है। इससे अधिक राशि के साइबर अपराधों का अनुसंधान एसओजी के तहत गठित साइबर थानों द्वारा किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आमजन को ऑनलाईन बिहेवियर के बारे में जागरुक करने के साथ ही वर्तमान आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए साइबर लिटरेसी बढ़ाने की आवश्यकता है। महानिदेशक पुलिस ने कहा कि आमजन को साइबर संबंधी कानून एवं साइबर अपराधों के बारे में अवगत कराने के साथ ही साइबर अपराधों से बचने के लिए अपनाई जाने वाली सावधानियों के बारे में अवगत कराने की आवश्यकता है।
लाठर ने बताया कि राजस्थान पुलिस ने महिलाओं एवं बच्चों के विरुद्व होने वाले अपराधों की रोकथाम के बारे में एप बनाए हैं। वेबीनार में अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एवं निदेशक आरपीए राजीव शर्मा, यूनीसेफ के संजय निराला, साइबर पीस फाउण्डेशन के विनीत कुमार, अति. महानिदेशक पुलिस, तकनीकी एवं दूरसंचार सुनील दत्त भी मौजूद थे।