सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक करेंगे एएनसी जांचें
दूसरी और तीसरी तिमाही चल रही गर्भवतियों की जांच पर जोर

बीकानेर। बुधवार प्रातः 8 से 2 बजे तक प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सभी सरकारी अस्पतालों में गर्भवतियों की प्रसव पूर्व जांचें कोरोना प्रोटोकॉल के साथ की जाएंगी। भावी माताओं और आने वाले मेहमानों की स्वास्थ्य सुनिश्चितता के लिए के सोशल डिस्टेसिंग के नियमों की सख्त पालना के साथ पीएमएसएमए विशेष एएनसी शिविर आयोजित किए जाएंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एल. मीणा ने बताया कि मास्क, फेस शील्ड, कैप, हैण्ड ग्लव्ज आदि पहनने के बावजूद बार-बार हैण्ड सेनेटाईज भी करते रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। अभियान के तहत दूसरी और तीसरी तिमाही चल रही गर्भवतियों की जांच पर जोर दिया जा रहा है। पूर्व अभियानों में हाई रिस्क में चयनित गर्भवतियों को प्रत्येक अभियान में पुनः जाँच करवानी चाहिए। गर्भावस्था के 9 माह के दौरान 4 बार प्रसव पूर्व जांच करवाना जरूरी है और इनमे से कम से कम एक जांच चिकित्सक या स्त्री रोग विशेषज्ञ से हो जाए तो प्रसव के दौरान संभावित खतरों की पहले से पहचान हो जाती है। पहचान हो तो उसका प्रबंधन कर कुशल मंगल प्रसव की रूपरेखा भी बनाई जा सकती है।

जून 2016 में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान शुरू किया गया था जिसके तहत प्रत्येक माह की 9 तारीख को गर्भवतियों की आवश्यक जांचें की जाती है। गर्भवती के लिए वजन, ऊंचाई, पेट की जांच, खून की जांच, हीमोग्लोबिन, रक्तचाप, शुगर पेशाब की जांच, सोनोग्राफी इत्यादि जांचों सहित आवश्यक औषधियांे की निशुल्क सेवाएं उपलब्ध करायी जाती हैं। डीपीएम सुशील कुमार ने बताया कि विभाग के प्रयासों से निजी गायनेकोलोजिस्ट पीएमएसएमए अभियान के तहत स्वेच्छा से निःशुल्क सेवाएं दे रहे हैं।