हर्षित सैनी
रोहतक। 21वीं सदी का शिक्षक विर्चुअल क्लास रूम टूल्स का इस्तेमाल कर विद्यार्थियों से प्रभावी ढंग से जुड़ सकता है। विशेष रूप से कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते लॉकडाऊन के दृष्टिगत ऑनलाइन टीचिंग-लर्निंग समय की जरूरत है।
ये संदेश महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के डिजीटल लर्निंग सेंटर के निदेशक तथा कम्प्यूटर साईंस एण्ड एप्लीकेशन्ज विभाग के प्रोफेसर डा. नसीब सिंह गिल ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ऑनलाइन कार्यशाला में दिया। इस कार्यशाला का आयोजन मदवि के कालेज डेवलपमेंट काऊंसिल तथा हरियाणा के उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा किया जा रहा है।
प्रो. नसीब सिंह गिल ने कहा कि वर्तमान समय डिजीटल गवर्नेंस तथा डिजीटल लर्निंग का है। प्रत्येक विश्वविद्यालय, कालेज तथा प्रत्येक टीचर-स्टूडेंट को डिजीटल टूल्स से जुडऩा होगा। एमडीयू में प्रभावी ढंग से डिजीटल लर्निंग का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एमडीयू में एलएमएस पोर्टल, व्हाट्सएप ग्रुप्स, ई-मेल ग्रुप्स, गूगल क्लास, जूम ऐप, लाईब्रेरी ई-रिसोर्सेज, डीडीई ई-रिसोर्सेज तथा ओपन एक्नेस रिसोर्सेज के जरिए डिजीटल टीचिंग-लर्निंग का कार्य प्रभावी तरीके से किया जा रहा है।
मदवि के कुलपति ने कार्यशाला में अध्यक्षीय टिप्पणी में कहा कि महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय न केवल संबद्ध महाविद्यालयों में बल्कि पूरे प्रदेश के शिक्षण संस्थानों के लिए डिजीटल ट्रांसफोर्मेशन का रोड मैप तय करने के लिए तैयार है। विश्वविद्यालय अपने डिजीटल शैक्षणिक संसाधनों को सांझा करने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि भविष्य में मदवि में अत्याधुनिक डिजीटल लाउंज का सृजन किया जा रहा है।

प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि शिक्षकों को डिजीटल एनेब्लड बनाने के लिए 10 अप्रैल से 15 अप्रैल तक फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर के तत्वावधान में एफडीपी का आयोजन किया जा रहा है।
उच्चतर शिक्षा विभाग, हरियाणा के उप निदेशक डा. हेमंत वर्मा ने कहा कि स्टूडेंट लाइफ मैनेजमेंट स्केल से एलुमनाई बेस का उचित उपयोग शिक्षण संस्थानों की प्रगति यात्रा में किया जा सकता है। एमडीयू से संबद्ध महाविद्यालयों तथा प्रदेश के महाविद्यालयों के प्राचार्यों के लिए इस ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। यह ऑनलाइन कार्यशाला 11 अप्रैल तक जारी रहेगी।