नई दिल्ली।मिली जानकारी के अनुसार, इस अध्ययन को 2020 में मई के महीने में कैलिफोर्निया में लॉरेंस लिवरमोर नेशनल लेबोरेटरी ने रिसर्च पर काम करना शुरू किया था।
चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस ने पुरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। दुनियाभर में करोड़ों लोग कोरोना वायरस की चेपट में आ चुके हैं और लाखों लोगों मौत हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अब तक दुनिया इस सवाल का जवाब नहीं ढूढ़ पाई है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति कैसे हुई है?
जानकारी के अनुसार, हाल ही में एक कोरोना वायरस को लेकर एक नए अध्ययन किया गया है। जिसमें दावा किया गया है कि कोरोना वायरस चीन में वुहान की उसी लैब में बना था, जिस पर दुनिया का शक है। लेकिन अब अमेरिका की एक लैब की रिपोर्ट ने इस पर मुहर लगा दी है। खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक, रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस की वुहान लैब से ही लीक होने की अधिक संभावना है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, इस मामले में आगे की जांच की जानी चाहिए।
मिली जानकारी के अनुसार, इस अध्ययन को 2020 में मई के महीने में कैलिफोर्निया में लॉरेंस लिवरमोर नेशनल लेबोरेटरी ने रिसर्च पर काम करना शुरू किया था। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद से हटने से ठीक पहले स्टेट डिपार्टमेंट की ओर से वायरस के मूल स्त्रोत को लेकर जांच करने के निर्देश दिए थे। लॉरेंस लिवरमोर का मूल्यांकन कोरोना वायरस के जीनोमिक एनालिसिस पर आधारित है।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने कहा कि कोरोना वायरस (कोविड-19) की उत्पत्ति के बारे में जानकारी देने और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर चीन पर दबाव बनाना जारी रखेगा। अमेरिका अपने स्तर पर समीक्षा एवं प्रक्रिया को भी जारी रखेगा।