-सुरजेवाला ने बीजेपी पर साधा निशाना
जयपुर।राजस्थान (Rajasthan) में सियासी संकट के बीच हाईकोर्ट (High Court) ने शुक्रवार को विधानसभा स्पीकर के द्वारा दिए गए नोटिस पर अभी स्टे लगा दिया है।
-जिसके बाद अब राज्य का सियासी घटनाक्रम बदलने लगा है. इस बीच अशोक गहलोत – (Ashok Gehlot)विधायकों को लेकर राजभवन पहुंचे और विधानसभा सत्र बुलाने की अपील की, लेकिन राज्यपाल कलराज मिश्र(Governor Kalraj Mishra)
ने कोरोना महामारी (Coronavirus)का हवाला देकर इससे इनकार कर दिया है. कलराज मिश्र ने कहा कि विमर्श के लिए अभी समय चाहिए।
-रणदीप सुरजेवाला ने इसपर ट्वीट किया, ”गुंडागर्दी’ भाजपा कर रही है. क्या गवर्नर Article 174 में विधानसभा सत्र बुलाने से इंकार कर सकते है? जब कांग्रेस सरकार विधानसभा सत्र बुलाना चाहती है तो भाजपा भाग क्यों रही है? कब तक जनमत का चीरहरण करोगे? इससे पहले भी सुरजेवाला ने एक ट्वीट किया था. इसके बाद सुरजेवाला ने एक और ट्वीट किया, ‘सत्य, जनता व संख्या हमारे साथ है. भाजपा द्वारा लोकतंत्र की हत्या के प्रयासों के खिलाफ हमारी इंसाफ की मांग जारी रहेगी. सत्यमेव जयते.’ इससे पहले सुरजेवाला ने बीजेपी पर आरोप लगाए थे, ‘भाजपा ने सविंधान को ‘सर्कस’ बना दिया है, प्रजातंत्र को ‘द्रौपदी’ व जनमत को ‘बंधक’. भूलें मत, ‘द्रौपदी के चीरहरण’ करने वाले ‘कौरवों’ का जो हाल हुआ था, वही हाल ‘कृष्ण रूपी’ राजस्थान की जनता भाजपाई साज़िश का करेगी. अब होगा न्याय!
-राजस्थान के राजभवन में कांग्रेसी विधायकों ने लगाए ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे
-राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के समर्थक विधायकों ने शुक्रवार को राजभवन में ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाये. गहलोत खेमे के ये विधायक मुख्यमंत्री गहलोत की अगुवाई में ही राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने और विधानसभा का सत्र बुलाने का आग्रह करने राजभवन पहुंचे थे. इन विधायकों के साथ कांग्रेस सरकार के समर्थक निर्दलीय और अन्य विधायक भी राजभवन पहुंचे. मुख्यमंत्री गहलोत पहले जब राज्यपाल से मुलाकात कर रहे थे तो बाकी विधायक मंत्री बाहर लॉन में इंतजार कर रहे थे. इस दौरान इन विधायकों ने नारेबाजी की.विधायकों ने ‘हर जोर जुल्म की टक्कर में इंसाफ हमारा नारा है’, ‘इंकलाब जिंदाबाद’, ‘अशोक गहलोत संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं’, ‘अशोक गहलोत जिंदाबाद’ के नारे लगाए. उल्लेखनीय है कि इससे पहले गहलोत ने मीडिया से कहा कि सरकार के आग्रह के बावजूद ‘ऊपर से दबाव’ के कारण राज्यपाल विधानसभा का सत्र नहीं बुला रहे हैं।