कलकत्ता । नारदा स्टिंग मामले में गिरफ्तार बंगाल के कद्दावर मंत्री फिरहाद हकीम, मंत्री सुब्रत मुखर्जी, तृणमूल विधायक मदन और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी की जमानत के मामले में शुक्रवार को कोलकाता हाईकोर्ट ने सभी विधायकों को अंतरिम जमानत देने से मना कर दिया और हाउस अरेस्ट करने का फैसला सुनाया है। सुनवाई के दौरान एक जज जमानत के पक्ष में थे, लेकिन चीफ जस्टिस जमानत के खिलाफ थे, ऐसे में हाउस अरेस्ट कर बीच का रास्ता निकाला गया। हालांकि अभी ये साफ नहीं हो पाया है कि विधायकों को कितने दिनों के लिए हाउस अरेस्ट रहना होगा।
दरअसल मामले की सुनवाई के लिए एक नई पीठ का गठन किया जा रहा है, जिस वजह से यह आदेश दिया गया ।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने कहा कि बड़ी पीठ का गठन एक प्रशासनिक मामला है, इसे उचित समय पर किया जाएगा । सीबीआई ने 2016 के नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में सोमवार को पश्चिम बंगाल के मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी फिरहाद हकीम, टीएमसी विधायक मदन मित्रा, कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया था । कोलकाता के बैंकशाल कोर्ट में सोमवार को वर्चुअल सुनवाई हुई । आरोपियों को वर्चुअली निजाम पैलेस से अदालत के समक्ष पेश किया गया था । बैंकशाल कोर्ट ने टीएमसी के चारों नेताओं को जमानत दे दी थी । लेकिन कलकत्ता उच्च न्यायालय ने जल्द ही आदेश पर रोक लगा दी क्योंकि सीबीआई ने इसे चुनौती देते हुए कहा कि वे ठीक से काम करने में असमर्थ हैं, उनकी जांच प्रभावित हो रही है ।