नई दिल्ली, (दिनेश शर्मा “अधिकारी”) l झारखंड के रांची में कोरोना की भयावह तस्वीर सामने आई। क्योंकि यहां पर कोरोना काल में होनें वाली मौतों ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए। हालात इस कदर बिगड़ गए कि श्मशान में शव जलाने के लिए जगह कम पड़ गई। पिछले दस दिनों की बात करें तो श्मशान में आने वाले शवों की संख्या इतनी अधिक हो गई कि लोगों को सड़क पर ही अंतिम संस्कार करना पड़ा ।
रविवार के दिन अंतिम संस्कार के लिए 60 शव श्मशान पहुंचे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इन शवों में से 12 शव कोरोना संक्रमित थे। जिनका घाघरा में सामूहिक चिता सजाकर अंतिम संस्कार किया गया। इसके अलावा 35 शव पांच श्मशान घाटों पर लजाए और 13 शवो को कांटाटोली कब्रिस्तान में दफनाया गया।
हैरान करने वाली बात ये हैं कि मृतकों की संख्या की वजह से श्मशान में चिता जलाने की जगह कम पड़ गई। लोग शव जलाने के लिए घंटों तक इंतजार करते रहे। इसके बाद भी जब उनका नंबर नहीं आया तो सड़क पर ही अंतिम संस्कार की क्रिया करने लगे। शाम होते होते हालात इस कदर बिगड़ गए कि शाम तक लोग अंतिम संस्कार के लिए अपनी बारी का इंताजर करते दिखाई दिए।
परिजन शव जलाने के लिए लगा रहे गुहार
अधिक मौते होनें से लोग अपने परिजनों का निगम प्रशासन से गुहार लगानी पड़ रही है। मोक्षधाम में इलेक्ट्रिक मशीन खराब होनें पर समिति के पदाधिकारियों के फोन बजने लगे। सभी लोग जल्दी से अंतिम संस्कार के तैयारियों की गुहार लगाते दिखे।
नहीं देखा ऐसा भयानक मंजर
हरमू श्मशान में कई सालों से शव जलाने के काम कर रहे राजू राम ने कहा- ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा। लोग सड़क पर ही अंतिम संस्कार कर रहे हैं। शव जलाने के दौरान विधि विधान की पालना भी नहीं की जा रही है।
मशीने खराब हुई
श्मशान में इलेक्ट्रिक मशीनों पर लोड बढ़ा तो दोनों मशीने खराब हो गई। जिसके बाद से स्थिति लगातार बिगड़ती रही, हालांकि टेक्नीकल टीम की ओर से मशीनों को सही करने की कोशिश की गई पर सफल साबित नहीं हुई।