यहां मैं फिल्मी गब्बर ग्रुप की बात नहीं कर रहा हूं पर हां यह जरूर कहना चाहता हूं कि अब ऐसा गब्बर ग्रुप चाहिए कि जो आपको लालची भ्रष्टाचारियों और कामचोर हो से राहत दिलाएं। जब किसी अधिकारी कर्मचारी की अवांछित मनोकामना पूरी नहीं होती तो वह आवेदक को चक्कर खिलाना शुरू कर देते हैं, उसकी फाइल को उलझा देते है। सरकार उन्हें तनखा और सुविधाएं देती है जनता की सेवा करने के लिए पर कई बेईमान जनता को परेशान कर उनसे गैर आवश्यक वसूली करना अपना अधिकार समझते है। मानो सरकार ने उन्हें लाइसेंस दे दिया है। गुंडे, पहलवान दादा, हफ्ता लेने वाले, पुलिस, वकील, डॉक्टर अब तो इन सभी जगह कोई ना कोई लालची आदमी फंसा हुआ है जो सबको तकलीफ देता है और उन विभागों को बदनाम करता है। जबकि वहां कई अच्छे कर्मचारी अधिकारी हैं। पर वह जो थोड़े से करप्ट लोग हैं उन्हें सीधा करने के लिए एक गब्बर गैंग चाहीये जो पीड़ित आदमी को राहत दिलवाये। वैसे यह जिम्मेदारी समाज और क्षेत्रीय नेताओं की है जो जनसेवक हैं। उनकी कई मजबूरियां होगी, कई काम होते हैं कहां कहा ध्यान दे। भ्रष्टाचारियों वाला कुआं अब गहरा होता जा रहा है उसे पाटने में अब एक युग लग जाएगा।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद)

