_भामाशाह कुलरिय परिवार ने की सालम नाथ धोरे पर की पुजा अर्चना

बीकानेर। चाहे भले हम कितने ही आधुनिक हो जाए। किंतु आज भी सनातन काल से चली आ रही हमारे यहां गुरु-शिष्य की परम्परा कायम है। इसी गुरु-शिष्य की परम्परा ने गुरु पूर्णिमा के महत्व को और भी बढ़ा दिया है। सवेरे से ही लोग अपने गुरुजनों के लिए वंदना करने के लिए आश्रम, मठ, मंदिरों में पहुंचने शुरू हो गए थे। यह सिलसिला सतत् रूप से जारी है। बीकानेर के धनीनाथ गिरिमठ पंच मंदिर में राजगुरु स्वामी विशोकानन्द महाराज की अध्यक्षता व सानिध्य में यज्ञोपवित संस्कार व गायत्री मंत्र दीक्षा सहित अनेक कार्यक्रम चल रहे है। मंगलवार को पंच मंदिर की सीढिय़ों से स्वामी विशोकानन्द महाराज आयोजन में शामिल हो रहे शिक्षार्थियों को गायत्री मंत्र के साथ धर्म का मर्मज्ञ समझाते हुए उनको सम्बोधित किया तथा धर्म व धर्म रसे जुड़े पहलुओं की रक्षा करने का आह्वान किया। सलामनाथ धोरे पर भी दिन भर गुरुभक्तो ने गुरू वंदन कर आशिर्वाद लिया। सिलवा _ मुलास गांव नोखा के साथ आस पास के ग्रामीणों ने भाग लिया। शिव जी सुथार की टीम भक्तिभाव से भजनों की प्रस्तुती देकर उपस्थिति भक्तो को भाव विभोर कर दिया। गुरु पूर्णिमा महोत्सव पर कुलरियां परिवार की ओर से स्वामी सालमनाथ जी की समाधि स्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर देश में खुशहाली की कामना की । इस अवसर पर ब्रह्मलीन संत दुलाराम कुलरिया, ब्रह्मलीन संत पदमाराम कुलरिया, ब्रह्मलीन देवाराम कुलरिया, उन्हें के परिजनों में उगमाराम , मघाराम, नरसी, शंकर, अशोक, चीमाराम, लालचंद, धर्मचंद, जय, लव, ललित, आदि ने गुरुजनों की समाधि स्थल पर सेवा भाव से श्रद्धांजलि अर्पित की। बता दे वर्तमान महंत फक्कड़ नाथ जी के सानिध्य में हुए इस आयोजन में स्वामी सालम नाथ जी और मुनि नाथ जी की समाधि स्थल पर वैदिक मंत्रोचार के साथ विधि विधान से पूजा अर्चना की गई । मंदिर प्रांगण को फूल मालाओं से सजाया गया। कार्यक्रम में प्रेम सुथार, प्रदीप माकड़, एडवोकेट रामनिवास माचरा, सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। मुंबई के पूनम कुलरिया, जगदीश कुलरिया ने वीडियो कॉल के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी कार्यक्रम का भाग लेकर भंडारे का आनंद लिया।