बीकानेर ,अरिहंत भवन में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी म.सा. ने कहा कि जिसका गुरु पक्ष मजबूत हो,उसके बाद दूसरे ग्रह कितने भी कमजोर हो,वे उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं ।
सारे ग्रहों के दुष्प्रभावों को एक गुरु का प्रभाव निश्तेज कर देता है।
इसीलिए गुरु को ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों बतलाया है ।
आचार्य श्री ने आगे बताया कि- जीवन में सुख शांति,समृद्धि पाने के लिए गुरु चरण की उपासना आवश्यक है ।
लेकिन प्रश्न यह होता है कि गुरु कौन ? किसे माने गुरु ?
आज तो धर्म के बाजार में पचासों गुरु भी अपनी अपनी दुकान खोलकर बैठे हैं ।
सभी अपने माल को अच्छा तथा खुद को गुरु पद के लिए श्रेष्ठ साबित करने में लगे हैं ।
यही नहीं अपने को ऊंचा और दूसरे को नीचा दिखाने की तुच्छ वृति ने गुरुओं को भी संयम- समाधि से स्खलित कर दिया है।
ऐसे गुरुओं से सावधान रहना जरूरी है ।
आचार्य जी ने विषय को और अच्छे से प्रस्तुत करते हुए बतलाया-
शिष्यों की बहुलता, राजनेताओं द्वारा दिया गया सम्मान,भक्तों की भीड़ गुरु की शुद्धता को नहीं बताती ।
बल्कि ऐसी मन स्थिति उनकी विकृति की परिचायक है ।

संघ से जुड़े हुए शर्मिला लुणावत
दूर-दूर से भक्तों का आवागमन प्रारंभ हो चुका है
अरिहंतमार्गी महासंघ विशाल स्थल पर जाप की तैयारियां करने में लगा है कार्यक्रम में शर्मिला लुनावत सनोज लुणावत राजेश गोयल आदि लोग निरंतर सेवाएं प्रदान कर रहे हैं