नयी दिल्ली, 30 अप्रैल। गृह मंत्रालय ने महामारी को देखते हुए मई महीने के लिए जारी नए दिशा-निर्देश में देश में कहीं भी लॉकडाउन लगाने के बारे में कुछ नहीं कहा है। इसने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि उन जिलों की पहचान करें जहां या तो कोविड-19 संक्रमण की दर दस फीसदी से अधिक है।
केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शुक्रवार को आदेश दिया कि जिन जिलों में कोविड-19 के ज्यादा मामले हैं, वहां वायरस के प्रचार को रोकने के लिये गहन और स्थानीय कंटेनमेंट जोन बनाने जैसे उपाय किए जाएं। गृह मंत्रालय ने महामारी को देखते हुए मई महीने के लिए जारी नए दिशा-निर्देश में देश में कहीं भी लॉकडाउन लगाने के बारे में कुछ नहीं कहा है।

10 परसेंट से अधिक संक्रमण वाले जिलों पर नजर
इसने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि उन जिलों की पहचान करें जहां या तो कोविड-19 संक्रमण की दर 10 परसेंट से अधिक है या जहां पिछले एक हफ्ते में बिस्तर भरने की दर 60 फीसदी से अधिक है। गृह मंत्रालय ने कहा कि इनमें से किसी भी मानक को पूरा करने वाले जिले को गहन और स्थानीय कंटेनमेंट जोन बनाने के उपायों के लिए विचार किया जा सकता है।

राष्ट्रीय दिशानिर्देश पूरे देश में कड़ाई से लागू रहेगा
गृह मंत्रालय के आदेश के साथ सामुदायिक निरूद्ध क्षेत्र और बड़े निरूद्ध क्षेत्र जैसे इलाके बनाने की रूपरेखा लागू करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सलाह को भी इसमें जोड़ा गया है। बयान में कहा गया कि कोविड-19 प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय दिशानिर्देश पूरे देश में कड़ाई से लागू रहेगा। गृह मंत्रालय का आदेश 31 मई तक प्रभावी रहेगा।

एक्टिव मरीजों की संख्या 30 लाख पार
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक दिन में सर्वाधिक 3,79,257 नए मामले आने के साथ भारत में कोविड-19 से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 1,83,76,524 हो गई है जबकि इलाज कराने वाले रोगियों की संख्या 30 लाख से अधिक हो गई है। मंत्रालय द्वारा सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक, एक दिन में 3645 लोगों की संक्रमण से मौत के कारण मृतकों की कुल संख्या 2,04,832 हो गई है।

वायरस के प्रसार की रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करना होगा
गृह मंत्रालय ने कहा कि महामारी की वर्तमान लहर से निपटने के लिए वायरस के प्रसार की रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करना होगा। जिन क्षेत्रों में संक्रमण के मामलों की संख्या अधिक है, ऐसी जगहों पर आवश्यक सेवाओं को छोड़कर रात के समय में लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक आदि कार्यक्रमों में भीड़ एकत्र करने पर रोक रहेगी।