

बीकानेर,हेम शर्मा। गुजरात के राजकोट में 24 से 28 मई, 2023 तक गाय आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए रेस कोर्स ग्राउंड, में गाय आधारित वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन, एक्सपो सफल आयोजन हुआ। “ग्लोबल कन्फेडरेशन ऑफ काउ बेस्ड इंडस्ट्रीज” (जीसीसीसीसीआई) ने गो उद्यमिता को देश और विश्व को नया सेक्टर दिया है। यह एक्सपो गाय आधारित उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार और उद्यमियों के लिए प्रभावी मंच साबित हुआ। साथ ही देशभर में हो रहे गो आधारित उत्पाद और तकनीक से सबको अवगत करवाया। गाय उत्पादों का औद्योगीकरण और उनका मानव उपयोग वैश्विक पर्यावरण मित्रता और विकास सुनिश्चित करने की दिशा बताई। गौ टेक 2023 का सफल आयोजन गाय आधारित उद्योगों में नए उद्यमियों और निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से स्टार्टअप्स, इनोवेटर्स, एंटरप्रेन्योर्स और इंडस्ट्रीज के लिए नए रास्ते खोले। एक्सपो के दौरान विभिन्न विषयों पर नो सेमिनार के माध्यम से भारत और विदेशों के उद्यमी अपने विचारों, नवाचारों, चुनौतियों और विचारों को साझा किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। गो संवर्धन प्रजनन में आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर बेहतरीन सांड तैयार कर पीपीपी मॉडल पर कारोबार की जानकारी सांझा की गई। सरकार की मदद से, विशेष रूप से सेक्स्ड वीर्य प्रौद्योगिकी विकसित करना, भ्रूण प्रत्यारोपण, वीर्य प्रयोगशालाओं की स्थापना पर मंथन किया गया। स्वदेशी गायों से ए2 दूध और मक्खन, घी और छाछ के साथ-साथ औषधीय घी के लिए इसके मूल्यवर्धन के लिए एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय बाजार की संभावना उभरी है। गोमूत्र से कीट नियंत्रक और गोबर से खाद। जैविक खेती के लिए जैव कीटनाशकों और जैव उर्वरकों के साथ-साथ स्वच्छ वातावरण के लिए विभिन्न दवाएं, विकर्षक और सैनिटाइजर और विभिन्न घरेलू कॉस्मेटिक, गोमूत्र और गोबर उत्पादों ने महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार के साथ उद्यमिता के अवसर पैदा किए हैं। कुटीर उद्योग से लेकर मध्यम और बड़े पैमाने पर उत्पादन क्षमता वाले संयंत्रों की एक्सपो से इस क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलना निश्चित हुआ है। गोबर पेंट, प्लास्टर, ईंट, टाइल, कागज और गौ काष्ठ के लिए एक बड़ा बाजार के द्वार खुले हैं। गोबर, गोमूत्र से बायोगैस, सीएनजी, सीओ2, हाइड्रोजन जैसे जैव ईंधन का उत्पादन की तकनीक के प्रदर्शन उत्पादन को दिशा मिली है। ‘हर घर में एक गाय’ की अवधारणा का समर्थन करने और पेशेवर सेवाओं के माध्यम से कमाई करने के लिए, गैर सरकारी संगठनों या सहकारी समितियों द्वारा बड़े पैमाने पर “गाय छात्रावास” शुरू करने की संभावना बलवंती हुई हैं। गाय आधारित उद्योगों के लिए बड़े पैमाने पर मशीनरी निर्माण इकाइयों के लिए व्यापक अवसर हैं। प्रमाणित हो गया है कि गाय चलती फिरती औद्योगिक इकाई है।
गाय आधारित उत्पादों से प्राप्त पंचगव्य सर्वोत्तम आयुर्वेदिक औषधि है। गाय चलती फिरती दवाखाना भी है। सभी मंत्रालयों को आयुर्वेद क्षेत्र के विकास से जोड़कर गो आधारित आयुर्वेद चिकित्सा में विश्व में नई प्रतिमान स्थापित कर सकते हैं। कई आयुर्वेदिक फार्मा कंपनियों से पशुओं के लिए पशु चिकित्सा आयुर्वेदिक दवा के निर्माण के लिए आगे आने की संभावना है। इस एक्सपो से वर्तमान “प्राकृतिक खेती” अभियान को गति मिलेगी। एक्सपो किसानों को समृद्ध और समाज को स्वस्थ बनाने में मदद करेगा। गो टेक 2023 के मंच से पशुपालन मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, उद्योग मंत्रालय, कौशल विकास मंत्रालय, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, महिला कल्याण मंत्रालय विभाग गौपालन व गौ आधारित उद्योगों से जुड़कर लाभ उठा सकते हैं। यह ही नहीं केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
इस गो टेक एक्सपो के अनुभव के आधार पर भारत में गाय, गौ सेवा, गौ संरक्षण, गौ पालन, गौ पालन, गौ उत्पादन, गौ ऊर्जा जैसे विभिन्न विषयों पर भारत सरकार एवं राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों की ओर से सरकारी अनुदान, ऋण, अनुदान एवं प्रोत्साहन योजनाओं आम गो पालकों को मिली है। एक्सपो में गाय उत्पाद, गो पर्यटन, जैविक खेती की व्यवहारिक जानकारी मिली है।इस से स्टार्टअप और युवाओं को गाय आधारित उद्यमिता धन कमाने की तरफ आकर्षण बढ़ेगा। गो टेक 2023 का आयोजन विश्व स्तर पर गाय आधारित उद्यमिता में बदलाव होगा।
गो टेक।2023 में उद्यमियों, निवेशकों, वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों ने शिरकत की। इस एक्सपो से स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, हरित भारत, डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया के विजन को गति मिलेगी, गौशालाएं आत्मनिर्भर बनेंगी, युवाओं और महिलाओं को रोजगार मिलेगा। गौ आधारित उद्योगों के लिए तकनीक और मशीनरी मिलेगी। गाय का मतलब केवल दूध नहीं बल्कि गो मूत्र और गोबर भी है। गाय आधारित उद्योग के साधन के रूप में गोबर, को बढ़ाया जा सकता है। गाय में बछड़ों के साथ गाय परिवार शामिल है – बछिया, बैल, बूढ़ी गाय। वे जीवन भर गाय का गोबर-गोमूत्र देंगे। गोमूत्र-गोबर उद्योगों को बढ़ावा देने से आवारा पशुओं की समस्या का समाधान होगा। सड़क हादसे रुकेंगे। पंजरापोल समृद्ध होगा। इस प्रकार भारतीय संस्कृति की गौ सेवा की अवधारणा फलीभूत होगी। खास बात योजना आयोग, नीति निर्धारकों, वैज्ञानिकों, नवाचार करने वालों के समक्ष यह एक्सपो नया फलक है।