– धरातल पर कुछ भी नहीं
– विभिन्न मुद्दों से करोड़ों रुपए आने के बावजूद भी आज भी विकास कार्य को तरस रही धार्मिक नगरी*
– पुष्कर वासियों को सीएम से थी बड़ी उम्मीद, बजट से मिली निराशा
रिपोर्ट – अनिल सर
अजमेर / पुष्कर।करोड़ों लोगों के आस्था के केंद्र पुष्कर का विकास कार्य सिर्फ घोषणाओं तक ही सिमट रहा है सरकारे आती है घोषणाएं करके चले जाती है लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं हो रहा है जबकि पुष्कर के अंदर विभिन्न मुद्दों से करोड़ों रुपए विकास कार्य के आ रहे हैं यह कहां जा रहे हैं कहां लग रहे हैं किसी को कोई अता पता नहीं लेकिन हर बार बड़ी-बड़ी घोषणाएं होती जा रही है लेकिन पुष्कर का विकास कार्य कुछ भी नहीं है आज भी धार्मिक नगरी पुष्कर विकास कार्य को तरस रही है सरोवर की सबसे बड़ी व सालों पुरानी समस्या के समाधान के लिए बनने वाली स्ट्रॉम वाटर डे्रनेज योजना केवल डीपीआर में सिमट कर रह गई है। आलम यह है कि सरोवर में बरसाती पानी के साथ जाने वाले गंदे पानी की रोकथाम के लिए 8 साल पूर्व गहलोत सरकार ने ही डीपीआर बनवाई थी और बुधवार को फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट में डीपीआर बनाने की घोषणा कर स्ट्रॉम वाटर डे्रनेज योजना को 8 साल पहले की स्थिति में लाकर छोड़ दिया। जबकि पुष्कर वासियों को उम्मीद थी कि सीएम गहलोत बजट भाषण में बहुप्रतिक्षित इस योजना के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करेंगे। मगर गहलोत ने बजट में सिर्फ डीपीआर बनाने की घोषणा कर पुष्कर वासियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। यही नहीं सीएम की इस घोषणा के बाद स्ट्रॉर्म वाटर डे्रनेज योजना फिर से ठंड़े बस्तें में पड़ गई है तथा पुष्कर वासियों को योजना की क्रियांवति का अभी और इंतजार करना पड़ेगा।
गत दिनों सीएम गहलोत के अजमेर आगमन पर कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष नसीम अख्तर इंसाफ ने पुष्कर सरोवर में बरसात के दौरान जाने वाले गंदे पानी की समस्या से अवगत कराया तथा गंदे पानी की रोकथाम के लिए डीपीआर बनवा कर स्ट्रॉम वाटर डे्रनेज योजना के लिए विशेष बजट स्वीकृत करने की मांग की थी। इस पर सीएम ने कलेक्टर को डीपीआर बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने एडीए के माध्यम से अनुमानित 42 करोड़ प्रस्ताव बना कर सरकार को भिजवा दिया। इससे पुष्कर वासियों को उम्मीद थी कि बजट भाषण में सीएम स्ट्रॉम वाटर डे्रनेज योजना के लिए 42 करोड़ रूपए के पैकेट की घोषणा करेंगे। लेकिन सीएम ने अपने भाषण में सिर्फ डीपीआर बनाने की घोषणा की।
– 8 साल पहले 18 करोड़ की बनी थी डीपीआर
सरोवर मेंं गंदे पानी जाने की सालों पुरानी समस्या से निजात दिलाने के लिए पिछले लंबे समय से मांग उठाई जा रही है। लेकिन अभी तक सरकार के स्तर पर कोई ठोस निर्णय अथवा सार्थक प्रयास नहीं किए गए। गत 8 साल पूर्व कांग्रेस शासन में विधायक के साथ-साथ राज्यमंत्री पद पर रहते हुए नसीम अख्तर इंसाफ की मांग पर सरोवर में गंदे पानी की जावक की रोकथाम के लिए 18 करोड़ की डीपीआर बनाई गई थी। डीपीआर तो बनी लेकिन काम एक रूपये का नहीं हुआ। स्थिति यह हुई कि 18 करोड़ की योजना न सिर्फ ठंड़े बस्तें में पड़ गई। बल्कि योजना की लागत 8 साल में बढ़ कर 42 करोड़ तक पहुंच गई।
– भाजपा की कड़ी से कड़ी मिलने के बाद भी नहीं हुआ समस्या का समाधान
पुष्कर सरोवर की इस समस्या को लेकर न तो कांग्रेस गंभीर है और न ही भाजपा सरकार चिंतित है। राजनेताओं ने भी इसे केवल चुनावी मुद्दा बना रखा है। चुनावों के दौरान दोनों ही पार्टी के नेता प्राथमिकता से सरोवर में गंदे पानी की रोकथाम करने के बड़े-बड़े वादे करते है। पिछली बार केंद्र व प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और पुष्कर पालिका में भी भाजपा का बोर्ड था। यही नहीं वसुंधरा सरकार में क्षेत्रीय विधायक सुरेश सिंह रावत संसदीय सचिव थे। यानी भाजपा की कड़ी से कड़ी मिली हुई थी। बावजूद इसके सरोवर के लिए नासूर बनी इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकला। तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने विधानसभा चुनाव से पहले गंदे पानी की रोकथाम के लिए 4 करोड़ रूपए मंजूर भी किए। मगर योजना मूर्त रूप लेने से पहले ठंड़ेे बस्तें में पड़ गई।
– लगातार गंदा पानी जाने से प्रदूषित हो रहा है सरोवर का पवित्र जल
प्रतिवर्ष मानसून के दौरान बरसाती पानी के साथ शहर का गंदा पानी जाने से सरोवर में गंदगी जमा हो रखी है तथा पवित्र जल प्रदूषित हो रहा है। जिससे सरोवर में दम घुटने से मछलियां मर रही है तथा घाटों का वातावरण दूषित हो रहा है।
– सालों पुरानी है समस्या, शासन प्रशासन को ज्ञापन सौंपे, आंदोलन भी हुए
पुष्कर सरोवर में गंदे पानी जाने की समस्या सालों पुरानी है तथा अब यह समस्या नासूर साबित हो रही है। समस्या के समाधान को लेकर तीर्थ पुरोहितों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कई बार शासन व प्रशासन को ज्ञापन सौंपे तथा आंदोलन भी किए। मगर नतीजा कुछ भी नहीं निकला। केवल प्रशासन ने आंदोलन करने वालों पुरोहितों की जुबान पर आश्वासन का ताला लगा दिया।
– जानिए, आखिर क्यों सरोवर में जा रहा है गंदगी
पुष्कर शहर के चारों ओर पर्वतीय क्षेत्र है तथा सरोवर शहर के मध्य स्थित है। यही नहीं शहर का ढ़लान भी सरोवर की तरफ है तथा सरोवर के चारों ओर ऊंचाई पर आबादी बसी हुई है। शहर की इस भौगोलिक स्थिति के कारण मानसून के दौरान बारिश के पानी के साथ शहर की गंदगी बहकर सरोवर में जा रही है।