———————————————————–
राजनीतिक वरदहस्त के चलते शेखावत के पास जूनियर जेईएन होते हुए सरवाड़ व केकड़ी नगरपालिका के ईओ का था चार्ज
————————
———————————–
✍🏼तिलक माथुर
केकड़ी_अजमेर 6 नवंबर
केकड़ी व सरवाड़ नगर पालिका का कार्य देख रहा ईओ दीपेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान का पहला ईओ उर्फ जेईएन होगा जो नोकरी के समय भी कमर पर पिस्टल लटका कर रखता था, शायद इसी वजह से वह हमेशा चर्चा में रहता आया है। शेखावत जहां भी रहा भ्रष्टाचार सहित किसी न किसी मामले में चर्चित रहा है। आज रिश्वत के मामले में एसीबी के हत्थे चढ़ गया। एसीबी की टीम ने आज जांबाज़ डीएसपी महिपाल सिंह चौधरी के नेतृत्व में कार्यवाही करते हुए सरवाड़ नगर पालिका में चल रहे भ्रष्टाचार का खुलासा किया है। एसीबी की टीम ने ईओ दीपेंद्र सिंह शेखावत सहित कैशियर देवेन्द्र सिंह गुर्जर व जेईएन हरिसिंह को गिरफ्तार किया है। जेईएन उर्फ ईओ दीपेंद्र सिंह शेखावत जूनियर जेईएन है लेकिन राजनीतिक वरदहस्त के चलते नियमों के विरुद्ध केकड़ी व सरवाड़ नगर पालिका में ईओ के पद पर तैनात है। आज एसीबी की टीम ने उसे रिश्वत के मामले में गिरफ्तार कर लिया है।
गौरतलब है कि जेईएन उर्फ ईओ दीपेंद्र सिंह शेखावत पर भ्रष्टाचार की गम्भीर शिकायतें मिलने पर कल ही मैं सरवाड़ नगरपालिका जानकारी के लिए गया था, लेकिन वे वहां मौजूद नहीं थे। मैंने शेखावत को फोन भी लगाए मगर उन्होंने फोन डिसकनेक्ट कर दिए। इस दौरान नगरपालिका में चेयरमैन विजय लड्ढा की मौजूदगी में वहां उपस्थित पालिका के कांग्रेस व भाजपा पार्षदों ने ईओ दीपेंद्र सिंह के कई मामलों का खुलासा करते हुए बताया कि शेखावत एक नम्बर का भ्रस्ट है, उन्होंने कई मामलों में भ्रष्टाचार में उसकी लिप्तता की जानकारी देते हुए बताया कि राजनीतिक वरदहस्त के चलते उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही। मौके पर मौजूद कई लोगों ने बताया कि शेखावत राजनीतिक वरदहस्त के चलते आमजन से तो क्या किसी पार्षद से भी सीधे मुँह बात नहीं करता है तथा लोगों को राजनेताओं की धौंस देकर डराता है। कुछ लोगों ने तो उसकी भ्रष्टाचार में लिप्तता के कई मामले भी बताए। लोगों ने बताया कि जेम पोर्टल के तहत नगरपालिका में सामान की खरीद में कमीशन खोरी के मामले में निष्पक्ष जांच हो तो लाखों रुपए का घोटाला उजागर हो सकता है। केकड़ी के कर्मचारियों ने भी मुझे बताया था कि ईओ शेखावत दलाल टाइप के लोगों को बैठाकर रखता है जो उन्हें पालिका के कामों में दखल देते हैं। मैंने अपने पिछले ब्लॉग में भी लिखा था कि इस जेईएन उर्फ ईओ को यहां किसी विशेष प्रायोजन के लिए लगाया गया है। खैर प्रायोजन कुछ भी हो गलत व गन्दे लोगों के मंसूबे कभी सफल नहीं होते। शेखावत यहां जब भी आता था कुछ आरटीआई एक्टिविस्ट के बीच घिरा रहता था और उनके ईशारे पर उल्टा सुल्टा करने का प्लान कर रहा था, लेकिन अपने करमों से खुद ही निपट गया, अब उसके इन साथियों की बारी है। लोगों ने तो मुझे यहां तक कहा कि आखिर क्या वजह है कि एक साधारण जेईएन 24 घण्टे अपनी कमर पर पिस्टल लटकाए रखता है, आखिर क्या वजह है केवल शौक ही है या किसी का डर या फिर डराने के लिए ! खैर जो भी हो केकड़ी-सरवाड़ के लोगों को तो पिस्टल वालों से डर नहीं लगता। उल्लेखनीय है कि एसीबी के जांबाज़ डीएसपी महिपाल सिंह चौधरी के नेतृत्व में सरवाड़ नगर पालिका में फैले भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्यवाही की गई। एसीबी की टीमों ने सरवाड़ पालिका में जेईएन रहे हरिसिंह को निम्बाहेड़ा से 55 हजार तथा सरवाड़ में ईओ दीपेन्द्र सिंह शेखावत तथा कैशियर देवेन्द्र सिंह को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। इस मामले में सरवाड़ नगर पालिका के अध्यक्ष विजय कुमार लढ्ढा, उनके पुत्र मयूर लढ्ढा तथा मास्टर माइंड का खासमखास कांग्रेस नेता दलाल राजेश शर्मा व विनोद शर्मा की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। एसीबी के पास फोन रिकॉर्ड से लेकर अनेक सबूत हैं, जिनसे पता चलता है कि केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में आने वाली सरवाड़ नगर पालिका में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा था। हाल ही में सरवाड़ की फर्म अर्श एंटरप्राइजेज के महावीर सिंह जैन और अभिषेक जैन ने एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में 18 लाख रुपए के बिल के भुगतान में पालिका के अधिकारी रिश्वत की मांग कर रहे थे।
जेईएन हरिसिंह ने तो अपनी रिश्वत के 55 हजार रुपए वसूलने के लिए महावीर जैन से 55 हजार रुपए का चैक अमानत के तौर पर ले लिया था। जानकारी के अनुसार जेईएन हरिसिंह का तबादला पिछले दिनों निम्बाहेड़ा हो गया था। हरिसिंह ने सरवाड़ में जो बिल पास किए उसी एवज में 55 हजार रुपए की मांग की थी। आज एसीबी की योजना के अंतर्गत जब निम्बाहेड़ा में 55 हजार रुपए नकद देकर चैक वापस लिया जा रहा था, तब हरिसिंह को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। इसी प्रकार डीएसपी महिपाल सिंह स्वयं सरवाड़ में उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि पालिका के ईओ दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने अर्श एंटरप्राइजेज से 50 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। 40 हजार रुपए तो पहले वसूले जा चुके थे। शेष 10 हजार रुपए शेखावत अपने कैशियर देवेन्द्र सिंह के माध्यम से ले रहा था। कैशियर ने भी दस हजार रुपए लिए इसी वजह से देवेन्द्र सिंह को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया। कैशियर देवेन्द्र सिंह गुर्जर जब रिश्वत ले रहा था, तब ईओ दीपेंद्र सिंह शेखावत भी पालिका में ही मौजूद था। इसलिए एसीबी की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार एसीबी की टीम में ईओ शेखावत के सरवाड़, केकड़ी व जयपुर स्थित निवास स्थानों पर भी छानबीन की है, फिलहाल कार्यवाही जारी है।