बीकानेर। ऊर्जा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ.बुलाकी दास कल्ला ने कहा है कि बीकानेर के अनेक कलाकारों ने अपने कला कौशल के माध्यम से नगर की ख्याति को देशÓ- विदेश में विख्यात किया है। पद्मश्री हिस्सामुदीन उस्ता, पंडित द्वारका प्रसाद शर्मा तथा बीकानेरी चित्रकला शैली के चित्रकार महावीर स्वामी आदि ने अपने कलम व कूंची से सम्मान हासिल किया तथा लोगों को कला के प्रति प्रेरणा दी है।
रामपुरिया महाविद्यालय में ललित कला संकाय की ओर से आयोजित 4 दिवसीय प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया।दसवीं प्रदर्शनी में कॉलेज के ललित कला संकाय 75 छात्र-छात्राओं ने मिनिएचर पेंटिंग, ऑयल पेंटिंग, एक्रोलिक, वास्तविक, वस्तु व व्यक्ति चित्रण के साथ बीकानेर के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं पुरातत्व महत्व के स्थलों में रामपुरिया हवेलियां, जूनागढ़ किला, कीर्ति स्तम्भ आदि को अपनी कलम से बनाकर प्रदर्षित किया। प्रदर्षनी में टेराकोटा, मूर्तिकला, व्यवसायिक दौर में पोस्टर, स्केच, व्यवसायिक चित्रों को प्रदर्षित किया गया। विद्याार्थियों ने टेटू, लाईव पोट्रेट, आर्ट एवं क्राफ्ट का प्रदर्षन किया।
डॉ. कल्ला ने कहा कि चित्रांकन में रेखांकन का विद्यार्थी अधिक ध्यान दें। रेखांकन व चित्रों में भाव भंगिमाओं के बेहतर होने से वे अधिक प्रभावी रहते है। व्यवसायिकता के इस दौर में स्वरोजगार के लिए भी चित्रकला, चित्रांकन व मूर्तिकला लोकप्रिय हो रही है। विद्यार्थी स्व रोजगार के लिए भी बेहतर चित्रों को बनाकर देषी विदेषी पर्यटकों के समक्ष प्रस्तुत करें। बीकानेरी चित्रकला शैली के प्रदर्षन से यह परम्परागत शैली भी जिन्दा रहेगी तथा आने वाली पीढ़ी इसको आत्मसात कर सकेंगी। उन्होंने बीकानेर की मथैरण कला सहित विभिन्न कला व कलाकारों का स्मरण किया तथा देश के सिद्धहस्त कलाकारों के व्याख्यान और प्रषिक्षण कॉलेज में करवाने का सुझाव दिया।
कॉलेज के प्रबंध कमेटी के मानद सचिव, जैन ष्वेताम्बर तपागच्छ संघ के अध्यक्ष सुनील रामपुरिया, श्रीमती अंजू रामपुरिया, कॉलेज प्राचार्य डॉ.पंकज जैन, कॉलेज षिक्षा के सहायक निदेषक डॉ. राकेष हर्ष, कॉलेज के ललित कला संकाय के प्रमुख विभागाध्यक्ष अनिकेत कच्छावा, व्याख्याता षंकर रॉय व धीरेन्द्र राज सिंह षेखावत ने डॉ.कल्ला को स्मृति चिन्ह प्रदान करके सम्मानित किया।
कॉलेज के मानद सचिव सुनील रामपुरिया ने बताया कि 2003 से कॉलेज में ललित कला संकाय का संचालन किया जा रहा है। कॉलेज का परीक्षा परिणाम भी पिछले सालों में बेहतर रहा है। उन्होने विद्याार्थियो को कहा कि होटल गज केसरी व भंवर निवास में पर्यटकों के सीजन के दौरान अपनी कला का प्रदर्षनी प्रदर्षनी के माध्यम से करें। उन्होंने कहा कि राजस्थानी कला व संस्कृति से जुड़े चित्रों का चित्रांकन सौम्य रंगों के संयोजन के साथ करें। ललित कला संकाय में बीकानेर संभाग के साथ जैसलमेर सहित विभिन्न जिलों के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे है। प्रदर्षनी 18 जून तक सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक आम लोगों के अवलोकनार्थ नि:शुल्क खुली रहेगी।