-ट्रांसफर पॉलिसी पर कैबिनेट में हो सकती है चर्चा, CM लेंगे फाइनल डिसीजन
-कांग्रेस सरकार को समर्थ देने वाले विधायक भी लगातार ट्रांसफर करने का दबाव बना रहे हैं


जयपुर।राजस्थान में ग्रेड थर्ड टीचर्स के ट्रांसफर सरकार के लिए परेशानी का कारण बनते जा रहे हैं। पिछले साढ़े 4 साल से ट्रांसफर का इंतजार कर रहे टीचर्स ने अब सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि चुनावी साल में सरकार टीचर्स को खुश करने के लिए एक बार फिर ट्रांसफर इसे बैन हटाने की तैयारी कर रही है।
दरअसल, पिछले साल शिक्षा विभाग द्वारा नई ट्रांसफर पॉलिसी तैयार कर कार्मिक विभाग को भेजी गई थी। लेकिन, डीओपी ने पॉलिसी में संशोधन के लिए उसे लौटा दिया था। इसके बाद एजुकेशन डिपार्टमेंट ने देशभर में दूसरे राज्यों की ट्रांसफर पॉलिसी का अध्ययन कर संशोधित पॉलिसी को फिर से डीओपी को भेजा है।
इसके लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। ऐसे में चुनावी साल में सरकार ट्रांसफर से बैन खुलने के साथ ही ग्रेड थर्ड टीचर्स का ट्रांसफर भी कर सकती है। हालांकि इसको लेकर आखरी फैसला CM अशोक गहलोत के स्तर पर होगा। ऐसे में कैबिनेट बैठक में भी ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर मंथन किया जा सकता है।
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अब तक ग्रेड थर्ड टीचर्स 2 दर्जन से अधिक बाद जयपुर में विरोध प्रदर्शन कर चुके है। लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।
-ट्रांसफर नहीं हुआ तो देंगे वोट की चोट
राजस्थान एकीकृत शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष हरपाल दादरवाल ने कहा कि सरकार का कार्यकाल पूरा हो चूका है। लेकिन ग्रेड थर्ड टीचर्स साढ़े चार साल से ट्रांसफर का इंतजार कर रहे है। हमने जयपुर से लेकर दिल्ली तक ट्रांसफर को लेकर यात्रा, धरना और प्रदर्शन किया। लेकिन सरकार ने हमारी कोई सुनवाई नहीं की। ऐसे में अब चुनाव से पहले एक बार फिर प्रदेशभर में टीचर्स ट्रांसफर का इंतजार कर रहे हैं।
क्यों कि साढ़े चार साल पहले कांग्रेस सरकार जब सत्ता में नहीं थी। तब उन्होंने ग्रेड थर्ड टीचर्स के ट्रांसफर का वादा किया था। लेकिन सरकार के आने के बाद अब तक टीचर्स का ट्रांसफर नहीं हो पाया है। ऐसे में अगर जल्द से जल्द ट्रांसफर को लेकर सरकार ने अब भी सकारात्मक रुख नहीं अपनाया। तो प्रदेशभर के टीचर्स 7 अगस्त से जयपुर में बड़ा आंदोलन करेंगे। इसके बाद भी सरकार नहीं जागी। तो आने वाले विधानसभा चुनाव में टीचर्स और उनके परिजन वोट की चोट से कांग्रेस सरकार को करारा जवाब देंगे।
-विधायक भी चाहते हैं जल्द हो ट्रांसफर
पिछले साल 30 दिसंबर को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की सीएम और मंत्रियों के साथ हुई फीडबैक बैठक में थर्ड ग्रेड टीचर्स के तबादले करने पर सहमति बन गई थी।
बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने मंत्रियों के सुझाव आने के बाद शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से तबादले करने को कहा था। गहलोत ने शिक्षा मंत्री से कहा कि जब सर्वसम्मति है, तो ये ट्रांसफर होने चाहिए और पहले की तरह ही हों। वहीं रंधावा ने शिक्षक तबादलों के लिए किसी भी तरह की नई पॉलिसी नहीं लाने का सुझाव भी दिया था।
लेकिन, बैठक के 6 महीने से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद भी अब तक ग्रेड थर्ड टीचर्स का ट्रांसफर नहीं हो पाया है। ऐसे में टीचर्स के साथ अब विधायक भी चुनावी साल में ट्रांसफर की मांग करने लगे हैं।
-12 सालों में केवल 2 बार हुए ट्रांसफर
राजस्थान में थर्ड ग्रेड टीचर्स का ट्रांसफर पिछले 12 साल में सिर्फ दो बार हुए हैं। साल 2010 में कांग्रेस सरकार ने जबकि 2018 में बीजेपी सरकार थर्ड ग्रेड टीचर्स के ट्रांसफर कर चुकी है। वहीं, राजस्थान में पिछले साल अगस्त महीने में शाला दर्पण पर टीचर्स से ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे।
जिसमें प्रदेश के 2.25 लाख टीचर्स में से 85 हजार ने अपने गृह जिले में आने के लिए आवेदन किया था। वहीं, ट्रांसफर पॉलिसी में फिर से बदलाव की तैयारी शुरू कर रहे शिक्षा विभाग के खिलाफ अब ग्रेड थर्ड टीचर्स ने आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है।
