हर्षित सैनी
रोहतक, 12 नवम्बर। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के इतिहास एवं पुरात्त्व विभाग द्वारा आयोजित चौथी हरियाणा इतिहास कांग्रेस आज संपन्न हो गई। विभागाध्यक्ष प्रो. जे.एस. धनखड़ ने बताया कि दो दिवसीय इस कार्यक्रम में हरियाणा की समृद्ध ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत पर इतिहासविदों द्वारा गंभीर विचार-मंथन किया गया और इस दिशा में शोध के जरिए अनछुए पहलुओं को सामने लाने बारे विचार-विमर्श हुआ।
इस कार्यक्रम के समापन सत्र में एमएल सुखडिय़ा यूनिवर्सिटी, उदयपुर के प्रो. केएस गुप्ता ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। बाबा मस्तनाथ यूनिवर्सिटी, रोहतक के कुलपति प्रो. रामसजन पाण्डेय, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. आरसी ठाकरान, सेवानिवृत प्रोफेसर डा. बीडी यादव बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।

प्रो. केएस गुप्ता ने हरियाणा के इतिहास पर गहन शोध करने की जरूरत पर बल देने की बात कही। उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए हरियाणा इतिहास कांग्रेस को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। प्रो. रामसजन पाण्डेय ने हरियाणवी संस्कृति एवं जीवन दर्शन के अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डाला। प्रो. ठाकरान ने घग्घर नदी के अस्तित्व पर विस्तृत चर्चा की।
इस अवसर पर हरियाणा इतिहास कांग्रेस के अध्यक्ष डा. यशवीर सिंह, डा. विजय कुमार, डा. प्रीवन फौगाट, महासचिव डा. सज्जन कुमार, लोकल आयोजन सचिव डा. विकास कुमार, कोषाध्यक्ष अनिल यादव समेत इतिहास विभाग के प्राध्यापक डा. मीनाक्षी पहल, डा. मोनिका, डा. मंजू, डा. शर्मिला, डा. स्नेहलता समेत हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।