नई दिल्ली ।किसान घाट पहुंच कर चौधरी चरणसिंह को पुष्पांजलि अर्पित करतें हुए किया नमन: रामपाल जाट राष्ट्रीय अध्यक्ष किसान महापंचायत ने, चौधरी चरण सिंह का 23 दिसंबर 1902 जन्म हुआ था ।

वह भारत के किसान राजनेता एवं पाँचवें प्रधानमंत्री थे। उन्होंने यह पद 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक संभाला। चौधरी चरण सिंह ने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया तथा किसानों को हमेशा कहा कि आपकी एक आंख दिल्ली एवं दूसरी आंख खेत पर होनी चाहिए।
उन्होंने देश की समृद्धि का एकमात्र मार्ग खेत और खलिहान को बताया।
सरकारों के इस रास्ते पर नहीं चलने के कारण किसान व किसानी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
इसी का परिणाम है कि देश के ललाट पर किसानों की आत्महत्याओं का कलंक लगा है।
जो किसान ऋणदाता होना चाहिए था वह ऋणों के बोझ तले दब हुआ है इतना नहीं उसे कृषि उपजों की लागत नहीं मिल रही है जिससे उसकी ऋण चुकाने की क्षमता भी नहीं बची है।

कृषि प्रधान भारत में किसानों की जेब ख़ाली रहे और देश महाशक्ति बन जाये यह सम्भव ही नहीं है।

चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर किसान दिवस के उपलक्ष्य में देश के ललाट से आत्महत्याओं का कलंक धौकर देश को महाशक्ति बनाने के लिए कृषि उपजों के लाभकारी दाम हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने का संकल्प लेना चाहिए ।

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