सिर्फ प्रशासक नहीं, परिवर्तन के वाहक भी हैं IAS

छोटी-छोटी औपचारिकताओ के निर्वहन में अहंकार आड़े नहीं आना चाहिए

आप 10 लाख में से चुनकर आते हैं तो जन प्रतिनिधि भी 15-20 लाख लोगों के बीच से चुने जाते हैं

देहरादून : मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 180 प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और संसद की कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय संबंधी समिति के सभापति सुशील कुमार मोदी ने कहा कि IAS का दायित्व है कि वे निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को उचित सम्मान दें। राज्यसभा सदस्य मोदी ने प्रशिक्षुओं को कहा कि यदि वे 10 लाख लोगों की कड़ी प्रतिस्पर्धा में से चुनकर आते हैं तो सांसद/विधायक भी 15-20 लाख लोगों द्वारा चुने जाते हैं। जन प्रतिनिधियों के टेलीफोन को उठाना, आने पर खड़ा हो जाना, धैर्यपूर्वक बात सुनना, दरवाजे तक छोड़ना आदि छोटी-छोटी औपचारिकताएं हैं, जिनके निर्वहन में अहंकार आड़े नहीं आना चाहिए कि ये कम पढ़े लिखे हैं, गरीब हैं, अंग्रेजी नहीं बोल सकते वगैरह तो इनका सम्मान क्यों करें?

इन 180 IAS प्रशिक्षुओं में टॉपर शुभम सहित बिहार के भी 12 प्रशिक्षु शामिल थे।
सुशील मोदी ने IAS प्रशिक्षुओं से अपील की कि वे केवल प्रशासक ही नहीं बल्कि परिवर्तन के वाहक भी हैं। वे संकल्प करें कि अंतर्जातीय, अंतर्धार्मिक, अन्तरप्रान्तीय विवाह को प्रोत्साहित करेंगे और विवाह में तिलक, दहेज नहीं लेंगे।