शहर काजी मुश्ताक अहमद के नेतृृत्व में गुरुवार को बड़ी ईदगाह में लगे लगभग 150 पौधों की सार संभाल कर उनमें पानी दिया गया तथा पौधों के नीचे उनकी सुरक्षा व बेहतर उन्नति के लिए कपड़ा बांधा गया। शहर काजी ने बताया कि टाॅली,नीम, अशोक, शहतूत, जामुन, गुलमोहर, कनीर, नागचंपा, इमली, गूंदा, जाल, अमरूद, किन्नु आदि पेड़ों की कटाई छंटाई करवाकर उनकी सार संभाल की गई तथा पानी दिया गया।
शहर काजी मुश्ताक अहमद ने कोविड 19 से बचने और लाॅक डाउन की पालना के लिए जमातुल विदा की नमाज घर में ही पढ़ने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि ईदुलफितर की नमाज भी घरों में पढ़ने का ऐलान बीकानेर की सभी मस्जिदों के ईमामों से बातचीत कर किया जाएगा। राजस्थान में जयपुर सहित अनेक जिलों में ईद की सामूहिक की बजाए घरों में नमाज पढ़ने की हिदायत दी जा चुकी है।
ईद की तैयारियां शुरू
आखिरी जुम्मे के साथ ही शहर में ईदुलफितर की तैयारियां परवान पर हो गई है। घरों में सेवाइयां व अन्य खान-पान की सामग्री को घर में बनाने व खरीदने का सिलसिला तेज हो गया है। अनेक मुस्लिम भाइयों ने इस बार ईद को सादगी पूर्ण तरीके से मनाने का फेसला लिया है। ईद पर होने वाले खर्च को जरूरतमंदों के भोजन आदि पर खर्च किया जाएगा। बीकानेर में ईद पर सबसे अधिक जकात व खैराते बांटी जाती है, देश के अनेक हिस्सों से फकीर दो माह पूर्व ही यहां आकर डेरा डाल देते है। इस बार लाॅक डाउन के कारण रेल व बस सेवाओं के ठप्प रहने से गिने चुने ही फकीर बीकानेर पहुंचे है।