जयपुर , ओम एक्सप्रेस। जयपुर ग्रेटर नगर निगम प्रकरण को लेकर भारतीय जनता पार्टी कल राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन सौपेंगी. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के आवास पर बीजेपी ने इस पूरे मामले के आंदोलन और विरोध प्रदर्शनों की रूपरेखा बना ली है. भाजपा एक तरफ कांग्रेस सरकार का विरोध करेगी तो दूसरी तरफ कानूनी सहायता के जरिए भी कोर्ट में शरण लेगी. कटारिया के आवास पर हुई बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ इस मामले को संगठन की ओर से संभाल रहे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर की बैठक में मौजूदगी रही.इस दौरान बैठक में अशोक लाहोटी को बुलाकर भी संगठनात्मक दिशा निर्देश दिए गए तो दूसरी तरफ अन्य विधायकों और पूर्व विधायकों से भी बातचीत की गई है. दूसरी तरफ केंद्रीय नेतृत्व से भी प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया ने इस पूरे मुद्दे को लेकर मंत्रणा कर ली है और आगामी रूपरेखा को लेकर तफसील से चर्चा की है. प्रदेश प्रभारी और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरूण सिंह से सतीश पूनिया की लंबी टेलिफोनिक मंत्रणा हुई है. डॉ. सतीश पूनियां ने पत्रकारों से बातचीत में जयपुर ग्रेटर नगम निगम मामले पर कहा कि, काले कारनामों की राज्य सरकार ने काली रात को, काला फैसला निर्वाचित भाजपा मेयर व तीन अन्य पार्षदों को निलंबित कर किया है, जो राजस्थान के इतिहास में इस तरीके का पहला अलोकतांत्रिक फैसला है. उन्होंने कहा कि, निर्वाचित महिला मेयर को इस तरीके से अपमानित कर प्रदेश की गहलोत सरकार ने प्रतिशोध एवं विद्वेष की घृणित राजनीति की है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है, लोकतंत्र पर काला धब्बा है. पूनियां ने कहा कि, कांग्रेस की यह साजिश थी, क्योंकि राजधानी जयपुर में कांग्रेस की छाती पर जयपुर की जनता ने इनके खिलाफ बड़ा जनादेश भाजपा को दिया था, तब से ये लोग विचलित थे. मुझे लगता है कि इनकी ये सुनियोजित साजिश थी, जब निगम का गठन हुआ तभी से लेकर समितियों के गठन में भी कांग्रेस ने भेदभाव किया.निगम के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के बीच में सफाई के मसले को लेकर चर्चा हुई. क्योंकि कोरोना के कालखण्ड में सफाई बड़ा मसला था, जयपुर ग्रेटर निगम की मेयर चाहती थी कि जयपुर स्वच्छ हो, उसकी वैकल्पिक व्यवस्था के लिये बैठक हुई तो सामान्य वाद-विवाद को अपराध में तब्दील करना, आपराधिक मुकदमे दर्ज करना, बिनी किसी जांच का अवसर दिये मेयर व पार्षदों को निलम्बित करना ये सरकार की तानाशाही है।
उन्होंने कहा कि, भाजपा ने जयपुर ग्रेटर निगम मामले में तय किया है कि कानूनी लड़ाई तो लड़ेंगे ही कल सुबह 11 बजे पूरे प्रदेश में कोरोना की एडवाइजरी की पालना करते हुये सभी मण्डलों व नगर निकाय क्षेत्रों में भाजपा विरोध करेगी और कोरोना की स्थितियां सामान्य होने पर सम्पूर्ण किसान कर्जमाफी, लम्बित भर्तियों को पूरा करने, कानून व्यवस्था सहित प्रदेश के विभिन्न जनहित के मुद्दों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे.
उल्लेखनीय है कि जयपुर शहर में दो निगम बनने के बाद पहली बार पिछले साल नवंबर में चुनाव हुए थे. जयपुर ग्रेटर नगर निगम के 150 वार्ड में से भाजपा 88 में, कांग्रेस 49 में तथा निर्दलीय 13 वार्ड में जीते. यहां भाजपा की सौम्या गुर्जर महापौर बनीं. आरोप है कि शुक्रवार को एक बैठक के दौरान निगम आयुक्त यज्ञमित्र देव सिंह और महापौर के बीच तीखी बहस हुई. इसके बाद बैठक छोड़कर जा रहे आयुक्त के साथ पार्षदों ने कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया. स्वायत्त शासन विभाग ने इस मामले में महापौर सौम्या गुर्जर और पार्षद अजय सिंह चौहान, पारस जैन (तीनों भाजपा) और शंकर शर्मा (निर्दलीय) को निलंबित कर दिया है।