जयपुर,(दिनेश”अधिकारी”)। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष व प्रशासनिक न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय माननीय संगीत लोढा के निर्देशानुसार वर्ष 2021 की” तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत “का आयोजन 11 सितम्बर (द्वितीय शनिवार) को राजस्थान उच्च न्यायालय जोाधपुर, जयपुर एवं सम्पूर्ण राज्य के अधीनस्थ न्यायालयों में आॅफलाईन के साथ-साथ ऑनलाइन माध्यम से किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रि-लिटिगेशन मामलों के तहत धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम (छप् ।बज), धन वसूली के प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधित प्रकरण, बिजली, पानी व अन्य बिल भुगतान से संबंधित प्रकरणों, भरण-पोषण से संबंधित प्रकरण एवं अन्य (दाण्डिक शमनीय एवं अन्य सिविल प्रकरण) को रखा गया। इसी प्रकार विभिन्न न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में दाण्डिक शमनीय प्रकरण, दाण्डिक लघु प्रकृति, धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम (छप् ।बज), धन वसूली, मोटर वाहन दुर्घटना अधिकरण के प्रकरण, बिजली, पानी व अन्य बिल भुगतान से संबंधित प्रकरण, वैवाहिक विवाद, भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रकरण, मजदूरी भत्ते और पेंशन भत्तों से संबंधित सेवा मामले, राजस्व मामले एवं अन्य सिविल मामलों के प्रकरणों को रखा गया। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार इस लोक अदालत में चेक अनादरण के मामले जिनमे चेक राशि दो लाख रूपये से कम की है पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया। इन सभी प्रकरणों में लोक अदालत से पूर्व प्री-काउंसलिंग की कार्यवाही की गई।

विगत राष्ट्रीय लोक अदालतों में केवल अधीनस्थ न्यायालयों में आॅफलाईन के साथ-साथ आॅनलाईन माध्यम से लोक अदालत का आयोजन किया जाता रहा है लेकिन इस बार राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रथम बार आॅफलाईन व आॅनलाईन दोनों माध्यम से लोक अदालत का आयोजन राजस्थान उच्च न्यायालय में भी किया गया, जहां 10 प्रकरणों का निस्तारण वीडियो काॅन्फ्रेन्सिग के माध्यम से माननीय न्यायाधिपतिगण विजय व्यास, जे. के. रांका की अध्यक्षता एवं डाॅ. पदम कुमार जैन तथा सुश्री चन्द्रकान्ता गुप्ता, सेवानिवृत्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश की सदस्यता में गठित लोक अदालत बैंच द्वारा दूरस्थ क्षेत्रों में निवासरत पक्षकारों को जोडकर आॅनलाईन राजीनामा करवाया जाकर प्रकरण का जरिये राजीनामा निस्तारण किया गया।

इस राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रदेश में कुल 81,110 जिनमें से प्रि-लिटिगेशन की स्टेज के 27,091 प्रकरणों व न्यायालयों में लंबित 54,019 प्रकरणों का राजीनामा की भावना से निस्तारण कराया गया व 558 करोड़ रुपये की अवार्ड राशि पारित की गयी।

माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर मुख्य पीठ में कुल 311 प्रकरणों का निस्तारण कर 3,99,46,803 रुपये का अवार्ड पारित किया गया व राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर पीठ में कुल 349 प्रकरणों का निस्तारण कर 3,23,57,168 रुपये का अवार्ड पारित किया गया। उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन कोविड-19 हेतु राज्य सरकार द्वारा जारी गाईड लाइन की अक्षरशः पालना करते हुए किया गया।

राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर पीठ में माननीय न्यायाधिपति श्रीमती सबीना, न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जयपुर व राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में माननीय न्यायाधिपति श्री संदीप मेहता, न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, जोधपुर की अध्यक्षता में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ प्रातः 10.00 बजे किया गया।

वर्ष की इस राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने हेतु माननीय न्यायाधिपति श्री संगीत लोढ़ा, प्रशासनिक न्यायाधीश राजस्थान उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर द्वारा न्यायिक अधिकारीगण, राज्य के मुख्य सचिव, वित्त सचिव, प्रमुख विधि सचिव से लेकर इन्शोरेन्स कम्पनी, बैंक अधिकारीगण, विभिन्न विभागों के प्रतिनिधिगण के साथ व्यक्तिशः बैठक कर राष्ट्रीय लोक अदालत में राजीनामा योग्य प्रकरणों को रखने हेतु प्रेरित किया ताकि आम जन को सस्ता, सुलभ एवं शीघ्र न्याय मिल सके और लोक अदालत प्रणाली में आमजन का विश्वास प्रशस्त हो। आज माननीय श्री संगीत लोढा द्वारा जोधपुर महानगर में स्थापित अधीनस्थ जिला न्यायालयों में जाकर पीठासीन न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्तागण, पक्षकारगण का उत्साहवर्धन किया गया।