

जयपुर /राजस्थान की जयपुर ग्रामीण पुलिस ने गुरुवार को दो अलग-अलग कार्रवाईयों को अंजाम देते हुए नशे के खिलाफ बड़ा खुलासा किया है.एक ओर जहां अलग- अलग जगहों पर दबिश देकर करोड़ों रुपए की नशीली दवाएं बरामद की हैं तो अवैध रुप से की जा रही अफीम की खेती का भी पर्दाफाश किया है. जानकारी के अनुसार जब्त की गई नशीली दवाएं ट्रक ड्राइवर और स्टूडेन्टस को बेची जाती थी. इस गिरोह को पकड़ने के लिए जयपुर ग्रामीण पुलिस ने ‘ऑपरेशन हाईवे’ के तहत कार्रवाई करते हुए शाहपुरा-कोटपुतली में करीब 1 लाख 87 हजार टेबलेट,183 सिरप और 10 इंजेक्शन बरामद किए हैं. 3 थानों में एनडीपीएस एक्ट में 3 मामले दर्ज करते हुए पुलिस इसमें लिप्त 4 कारोबारियों को गिरफ्तार किया है.


जयपुर ग्रामीण पुलिस ने ऑपरेशन हाइवे के तहत 5 अलग अलग स्थानों पर बड़ी कार्यवाही कोअंजाम देते हुए प्रतिबंधित नशीली दवाओं का जखीरा पकड़ा है. इसमें करीब 3 करोड़ रुपयों की 1 लाख 87 हजार 416 नशीली टेबलेट,183 सिरप और 10 इंजेक्शन जब्त करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस को मुखबिर के जरिए एनएच 48 पर शाहपुरा के गांव भाबरु के आसपास नशीली दवाइयों को बड़ी मात्रा में बेचे जाने की सूचना मिली थी. इसके बाद इस मामले में गठित संयुक्त विशेष टीम द्वारा
गांव भाबरू में रामेश्वर मेडिकोज पर कार्रवाई को अंजाम देते हुए नशीली दवाओं का जखीरा पकड़ा.
*कॉलेज-स्कूल के स्टूडेंट्स को सप्लाई*
इस कार्रवाई को अंजाम देने के दौरान कोठपुतली में भी ऐसे कारोबार की सूचना मिली. इसके बाद कोटपूतली के गांव रघुनाथपुरा में भी अवैध दवाइयों का जखीरा बरामद करते हुए कारोबारियों को गिरफ्तार किया है. इन दवाओं को ट्रक ड्राइवर और कॉलेज-स्कूल के स्टूडेंट्स के अलावा मजदूर को भी बेचा जाता था.


इस कार्रवाई में ये भी सामने आया है कि लाइसेंस सुधा मेडिकल स्टोर की आड में गिरफ्तार कारोबारियों द्वारा पिछले 10 सालों से नशीली दवाएं बेची जा रही थी.इन नशीली दवाइयों की मात्र एक डोज करीब 12 घंटे तक असर रहता है. इस तरह की नशीली दवाइयों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलने वाले ट्रक ड्राइवरों,स्कूल-कॉलेजों में पढने वाले छात्रों,युवा वर्ग, बच्चों और मजदूरों को बेचा जा रहा था.