बीकानेर 19 अक्टुबर। जाम्भाणी साहित्य अकादमी, राजकीय डूंगर महाविद्यालय बीकानेर एवं साहित्य अकादमी उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में 10 और 11 अक्टुबर को दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन बीकानेर के जय नारायण व्यास कॉलोनी स्थित जाम्भाणी साहित्य अकादमी भवन में आयोजित किया जायेगा। अकादमी के सचिव डॉ. सुरेन्द्र विश्नोई ने बताया कि उक्त दो दिवसीय संगोष्ठी में उद्घाटन एवं समापन के साथ ही चार शैक्षणिक सत्र आयोजित किये जावेगें। उक्त संगोष्ठी में राजस्थान में भक्ति काव्यधारा, संत साहित्य परम्परा एवं प्रमुख विशेषताएं, सामाजिक एवं दार्शनिक चेतना, पर्यावरण संरक्षण सहित विभिन्न विषयों पर देश के जाने माने शिक्षाविद, साहित्यकार एवं पर्यावरणविद भाग लेकर पत्र वाचन करेगें।

आयोजन सचिव डॉ. इन्द्रा विश्नोई ने बताया कि राष्ट्रीय संगोष्ठी के ब्रोशर/फोल्डर का विमोचन शनिवार को डूंगर कॉलेज के प्राचार्य कक्ष में किया गया। कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. सतीश कौशिक, कोलायत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शिशिर शर्मा, बज्जु प्राचार्य डॉ. बजरंग सिंह राठौड़, समाज सेवी श्री राजाराम घारणिया, अकादमी सचिव डॉ. सुरेन्द्र विश्नोई, उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण लाल विश्नोई, डॉ. जी.पी.सिंह, संगोष्ठी संयोजक डॉ. शालिनी मूलचन्दानी, सह संयोजक डॉ. अनिला पुरोहित, डॉ. श्याम सुन्दर ज्याणी, डॉ. विक्रमजीत आदि उपस्थित रहे। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में अकादमी के महासचिव डॉ. सुरेन्द्र विश्नोई पूरी रूपरेखा प्रस्तुत की तथा अकादमी द्वारा संपादित विभिन्न प्रकार के कार्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होनें डूंगर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सतीश कौशिक का सह आयोजक बनने पर आभार जताया। डॉ. इन्द्रा ने बताया कि इस प्रकार के आयोजन से समाज को संत साहित्य एवं पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही वर्तमान संदर्भ में पर्यावरण संरक्षण विषय ही नहीं आवश्यकता है। यह संगोष्ठी मानवीय चेतना जागृत करने में सहयोगी होगी।

संयोजक डॉ.शालिनी मूलचन्दानी ने बताया कि अब तक सौ से भी अधिक शोध सारांश प्राप्त हो चुके हैं जिन पर संगोष्ठी में विस्तृत चर्चा की जावेगी।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजेन्द्र पुरोहित ने किया तथा सह संयोजक डॉ. अनिला पुरोहित ने धन्यवाद ज्ञापित किया।