– जालोर बस हादसा: गूगल मैप से रास्ता तलाश रहे थे, भटककर गांव में घुसे; कंडक्टर ने हाथ से हटाई 11केवी की लाइन, 6 जिंदा जले

– यात्री राजेंद्र जैन ने कहा- मंजर भयावह था, आंखों के सामने एक-एक कर लोग मर रहे थे; जलती बस में करंट दौड़ रहा था..!

– जालोर बस हादसे में कूद कर जान बचाने में सफल रहे जयपुर निवासी राजेन्द्र जैन

जोधपुर।जोधपुर संभाग के जालोर जिले में कल देर रात हाइटेंशन लाइन की चपेट में आने से एक बस में आग लग गई। इस भयावह हादसे में 6 यात्रियों की मौत हो गई और 36 झुलस गए। हादसे में अपनी जान बचाने में सफल रहे जयपुर निवासी 60 साल के राजेंद्र जैन की पत्नी व बेटी झुलस गई। इन दोनों का जोधपुर में इलाज चल रहा है। राजेंद्र के लिए यह कभी न भूलने वाला मंजर रहा।

हादसे के बारे में राजेंद्र जैन की जुबानी…

हम लोग बस से नाकड़ा तीर्थ दर्शन करने गए थे। वहां से लौटते समय हमने मांडोली में दर्शन करके पूजा की। शाम को जालोर में दूध पीने के लिए एक दुकान पर बस को रोका गया। यहां से निकलते समय हमारा ड्राइवर रास्ता भटक गया और एक गलती से एक गांव में बस को ले गया। गांव में आगे रास्ता संकरा देखकर वह बस को पीछे ले रहा था। इस दौरान बस पीछे से आ रहे एक ट्रैक्टर से टकरा गई। फिर ट्रैक्टर और बस चालक में तकरार हो गई। कुछ लोग बस से नीचे उतरे और ट्रैक्टर चालक को समझाने लगे। इसके बाद ट्रैक्टर चालक के कहे अनुसार बस को आगे लेने लगे और तभी यह हादसा हो गया।

बस में पीछे की तरफ बिजली का तार छूने से आग लग गई। आग लगते ही सभी लोग बस में आगे की तरफ भागे। बाहर निकलने के लिए बस का गेट छूते ही करंट लगने से पहला व्यक्ति वहीं पर गिर पड़ा। उसके संपर्क में आने वाले दो अन्य भी वहीं पर गिर पड़े। इनके पीछे मैं था और बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था। इस बीच मुझे भी करंट लगा, लेकिन मैंने जोर से एक झटका मार खुद को करंट से मुक्त कर लिया। इसके बाद में बस को हाथ लगाए बगैर खिड़की से सीधा बाहर कूद गया। ऐसा करने से मुझे कुछ चोट भी लगी।

बाहर निकलते ही मुझे बस में सवार पत्नी और बेटी की चिंता सता रही थी। बस में सभी लोग चिल्ला रहे थे। गांव के लोग भी मौके पर जुट गए, लेकिन करंट के भय से कोई भी बस के अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। सभी बाहर बड़ी बेबसी से खड़े थे। बस के भीतर मेरी बेटी प्रियंका ने खुद की जान की परवाह किए बगैर कुछ महिलाओं को बाहर निकाला। उसके बाद उसने अपनी मां कांता को बाहर निकाला।

सबसे बाद में प्रियंका बाहर निकली। इस कोशिश में कांता व प्रियंका दोनों गंभीर रूप से झुलस गई। दोनों का जोधपुर में इलाज चल रहा है। जालोर से हम लोग साढ़े तीन बजे जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचे। हमारे आने की पूर्व सूचना होने के कारण डॉक्टर व अन्य चिकित्साकर्मी तैयार मिले। सभी का यहां बेहतर इलाज चल रहा है। जोधपुर में भर्ती हमारे सातों लोग अब बातचीत कर रहे हैं और उनकी तबीयत में सुधार हो रहा है।