नेशनल, 17 मई 2025: जैसे-जैसे जेईई एडवांस्ड 2025 परीक्षा की घड़ी नज़दीक आ रही है, देशभर के लाखों युवा इंजीनियर इस चुनौतीपूर्ण परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं। यह परीक्षा फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स में विद्यार्थियों की अवधारणात्मक समझ, समस्या समाधान कौशल और विश्लेषणात्मक क्षमता को परखती है, जिसके लिए रणनीतिक तैयारी और लक्षित रिवीजन बेहद आवश्यक है।

जेईई एडवांस्ड 2025 का परीक्षा पैटर्न
जेईई एडवांस्ड 2025 का परीक्षा पैटर्न जेईई मेन से बिल्कुल अलग है। यह परीक्षा दो पेपरों — पेपर 1 और पेपर 2 — में आयोजित की जाती है, जिनमें प्रत्येक की अवधि तीन घंटे होती है। इसका पाठ्यक्रम कक्षा 11 और 12 के फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के विषयों पर आधारित है। बेहतर तैयारी के लिए विद्यार्थियों को आधिकारिक पाठ्यक्रम से चैप्टरवाइस वेटेज को ध्यान में रखकर तैयारी करनी चाहिए।

फिजिक्स में प्रमुख टॉपिक्स में मैकेनिक्स (विशेष रूप से रोटेशनल मोशन और लॉज़ ऑफ मोशन) लगभग 20% प्रश्नों के लिए उत्तरदायी होते हैं। इसके अलावा इलेक्ट्रोमैग्नेटिज्म (15-18%), मॉडर्न फिजिक्स (10-12%), ऑप्टिक्स (10%), करंट इलेक्ट्रिसिटी (8-10%) और थर्मोडायनैमिक्स (8%) भी उच्च वेटेज वाले क्षेत्र हैं। केमिस्ट्री को फिजिकल, ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक में विभाजित किया गया है, जिसमें प्रमुख विषय हैं: केमिकल किनेटिक्स, कोऑर्डिनेशन कंपाउंड्स, थर्मोडायनैमिक्स, ऑर्गेनिक रिएक्शन मेकैनिज़्म और बायोमोलेक्यूल्स। मैथ्स में कैल्कुलस, बीजगणित (Algebra), कोऑर्डिनेट ज्योमेट्री, प्रायिकता (Probability) और वेक्टर एवं 3डी ज्योमेट्री महत्वपूर्ण हैं। इनमें से केवल कैल्कुलस ही लगभग 20% वेटेज रखता है।

इन टॉपिक्स के अध्ययन के साथ-साथ, विद्यार्थियों को बीते वर्षों के प्रश्नपत्रों का अभ्यास, मॉक टेस्ट का नियमित अभ्यास और फॉर्मूला शीट बनाकर रिवीजन करने की सलाह दी जाती है। अब उम्मीदवारों को जेईई एडवांस्ड के लिए तीन प्रयासों की अनुमति है, जो पहले के दो प्रयासों की सीमा से एक अधिक है। यह बदलाव उम्मीदवारों को प्रदर्शन सुधारने का एक और अवसर प्रदान करता है।

विशेषज्ञों की राय
नितिन विजय, फाउंडर और सीईओ, मोशन ने कहा, “जेईई एडवांस्ड की प्रश्न-पत्र शैली में कोई तय पैटर्न नहीं होता और हर वर्ष यह बदल सकता है। इसमें सिंगल करेक्ट, मल्टीपल करेक्ट, इंटीजर-टाइप या मैट्रिक्स मैच जैसे प्रश्न पूछे जा सकते हैं। मैथ्स प्रायः छात्रों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है, जबकि केमिस्ट्री को अधिक स्कोरिंग माना जाता है। अगर केमिस्ट्री में अप्रत्याशित कठिनाई आती है तो वह छात्रों को चिंतित कर सकती है। हाल ही में NEET 2025 में फिजिक्स की कठिनाई ने छात्रों में घबराहट फैला दी थी, क्योंकि NEET में आमतौर पर फिजिक्स को आसान माना जाता है।

उन्होंने आगे कहा, “NEET जहाँ मेमोरी और स्पीड पर निर्भर करता है, वहीं JEE Advanced में विश्लेषणात्मक सोच और कॉन्सेप्ट का एकीकरण आवश्यक होता है। अभी तक जेईई एडवांस्ड 2025 के लिए न तो कोई प्रमुख पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है और न ही टॉपिक वेटेज में कोई बड़ा फेरबदल हुआ है। मॉक टेस्ट सफलता की कुंजी हैं। मोशन जैसे कोचिंग संस्थान ऐसे मॉक टेस्ट डिजाइन करते हैं जो वास्तविक परीक्षा के वातावरण, समय और कठिनाई स्तर को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं। इससे छात्र परीक्षा के समय-सारणी (सुबह 9:00 से 12:00 और दोपहर 2:30 से 5:30) के अनुसार मानसिक रूप से तैयार हो जाते हैं और घबराहट कम होती है। अडैप्टिव लर्निंग प्लेटफॉर्म्स छात्रों की कमजोरियों की पहचान करके उन्हें दूर करने में सहायक होते हैं, जो इस कॉन्सेप्ट-आधारित परीक्षा में सफलता के लिए अत्यंत आवश्यक है।”

परीक्षा का दिन निकट है, ऐसे में छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे शांत रहें, हाइ-वेटेज वाले टॉपिक्स का रिवीजन करें और मॉक टेस्ट के जरिए टाइम मैनेजमेंट और प्रॉब्लम-सॉल्विंग स्किल को धार दें। निरंतर मेहनत और रणनीतिक तैयारी से जेईई एडवांस्ड 2025 को क्रैक करना पूरी तरह संभव है।