किसे कहते हैं ज्ञान कोई कहता है कि किसी के पास यदि डिग्री है तो वह ज्ञानी है। कोई कहता है कि किसी के पास डिग्री नहीं है तो वह अज्ञानी है। पर कोई यह नहीं कहता कि जिसके पास जो हुनर है और वह उस में माहिर है तो वह सबसे बड़ा ज्ञानी है। ज्ञान पढ़ने से समझ में जरूर आता है पर वास्तविकता में प्रैक्टिकल अनुभव सच्चा ज्ञानी बनाता है। कई इंसान ऐसे हैं जिनमें बड़ा हुनर है पर उनके मन में पैसे का लालच नहीं है ईमानदारी और स्पष्टता से जीवन निकालते हैं और पूरी जिंदगी अपने हुनर से काम करके अपनी आमदनी चलाते हैं वह मानवता का सच्चा ज्ञानी है, एक इंसान ऐसा होता है जिसमें हुनर काबलीयत कम हो पर मार्केटिंग गुरू ज्यादा करें और अपने फायदे के लिए वह कुछ भी करें वह पैसा जरूर कमा लेगा पर वह सच्चा ज्ञानी नहीं है सच्चा बत्ती बाज है। प्रारंभिक ज्ञान हमें मां बाप से मिलता है दादा दादी से मिलता है घर परिवार से मिलता है और टीचर हमें तराश देते हैं। जो भाग्यशाली बच्चे होते हैं वे टीचर का प्यार और विशेष अटेंशन पाते हैं और बच्चा भी टीचर के प्रति उतना ही अदब रखता है। कई बच्चे अपने पुश्तैनी कारोबार को करते हैं और अपना बेहतरीन जीवन यापन करते हैं। उनमें उनके काम करने का जो ज्ञान है वह महत्वपूर्ण है। कुल मिलाकर ज्ञान आपकी समझ, आपके देखने करने की शक्ति, समझने की शक्ति और आपको अनुभवी लोगों के बीच उनकी बातें समझना है वहां से आपको सच्चा ज्ञान मिलता है।
अशोक मेहता,इंदौर (लेखक, पत्रकार, वास्तुविद)