झुंझनू, ,(दिनेश शर्मा “अधिकारी”)। माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार तथा माननीय राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में एवं हेमन्त कुमार जैन, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण(जिला एवं सेशन न्यायाधीश), झुंझुनू के निर्देशानुसार ऑफलाईन/ऑनलाईन राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन झुंझुनूं जिले में स्थापित सभी न्यायिक न्यायालयों में किया गया।
वर्ष 2022 की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव न्यायधीश श्रीमती दीक्षा सूद ने बताया कि ऑफलाईन/ऑनलाईन राष्ट्रीय लोक अदालत में मुकदमों के निस्तारण व प्रकरणों की संख्या को देखते हुए कुल 23 राजस्व व न्यायिक अधिकारीगण की बैंचों का गठन किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन संदर्भ में धन वसूली और लम्बित प्रकरणों के संदर्भ में अन्तर्गत धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम, धन वसूली मामले, वैवाहिक विवाद (तलाक को छोड़कर सभी), एम.ए.सी.टी, श्रम विवाद व अन्य सिविल विषयों के पूरे दिन भर में कुल 4297 प्रकरण रखे गये जिनमें बैंचो द्वारा सुनवाई करते हुए 853 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इसी प्रकरण न्यायालयों लंबित प्रकरणों के संदर्भ में धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण, एम.ए.सी.टी. के प्रकरण, वैवाहिक एवं भरण-पोषण के विवाद, घरेलू हिंसा के विवाद (तलाक को छोड़कर), श्रम एवं नियोजन संबंधी विवादों के प्रकरण तथा अन्य सिविल मामले (किराया, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा दावे एवं विनिर्दिष्ट पालना दावे) इसी के साथ राजस्व मामलों आदि विषयों के पूरे दिन भर में कुल 9671 रखे गये जिनमें बैंचो द्वारा सुनवाई करते हुए 1396 लंबित प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इस प्रकार कुल 13968 प्रकरण राष्ट्रीय लोक अदालत में सुनवाई हेतु पेश किए गए जिनमें से कुल 2249 प्रकरणों का निस्तारण कर 106806354/- राशि का अवार्ड पारित किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में पक्षकारान के क्या लोक अदालत के संबंध में क्या विचार रहे इस संबंध में नालसा के मोबाईल एप के माध्यम से सर्वे किया गया तथा सभी पक्षकारान के विचार ऑनलाईन मोबाईल एप पर दर्ज किए गए। सभी विधि विद्यार्थियों जिनकों सर्वे का कार्य सौंपा गया उन्होंने सभी न्यायालयों में जाकर पक्षकारान के मध्य लोक अदालत के संबंध में उनके क्या विचार रहे तथा लोक अदालत में उनके प्रकरण के संबध में क्या कार्यवाही रही के बारे में जानकारी ली गयी तथा एप के माध्यम से ऑनलाईन दर्ज की गयी। इसी के साथ स्थाई लोक अदालत की बैठक में निस्तारण के प्रयास किए गए।