ओम एक्सप्रेस- बीकानेर-लगभग दो महीने पहले ट्रॉमा सेंटर में लावारिस हालत में एक मरीज भर्ती हुआ था जो अपना नाम और पता बता नहीं पा रहा था सर में चोट के कारण और जो बोलता था। वो कोई समझ में नहीं आता था उसी दिन मेरे दिल में आया की किसी तरह इसको घर पहुँचाया जाए तो मेने धीरे-धीरे उसको दोस्त बनाया तो भी कुछ नहीं बता पा रहा था और दो-तीन दिन बाद में ट्रॉमा सेंटर से चला गया और वो घसीट घसीट के चलता था और वह पीबीएम हॉस्पिटल में रामदेव मंदिर के पास रहने लग गया उसके हाथ पैर में भी चोट थी इसलिए वह घसीट घसीट के चलता था वह ठीक से बोल भी नहीं पाता था फिर मैं और मेरी टीम ने उसके पास जाकर कि थोड़ा टाइम देना शुरू किया उससे बातचीत करनी शुरू की धीरे-धीरे उसने थोड़ा-थोड़ा बोलना शुरू किया और वह समझने लगा कर एक दिन उसने बताना शुरू किया कि मुझे रोहतक छोड़ कर आ जाओ रमेश को नहलाना तो लाना और खाना-पीना उसको शुरू कराया हम दो-तीन दिन से ना लाते थे उसके बाल काटे उसको उसको स्नान करना और धीरे-धीरे वह ठीक होने लगा उसके बाद धीरे-धीरे वह बताने लगा कि मुझे रोहतक छोड़ कर आ जाओ तो मैंने उससे पूछा आपका गांव कौन सा है वह बोला मुझे गांव का नाम पता नहीं है मेरे सिर में चोट लगी हुई है फिर मैंने उसको रोहतक के आसपास के कई 20 ,25 गांव के नाम बताएं जैसे जींद हिसार हांसी पानीपत सोनीपत सभी गांव के नाम बताएं तो जैसे ही उसने जींद का नाम सुना वह सिर में हाथ फेरने लगा और बोला एक बार दोबारा नाम लेना वह गांव कौन सा बोला है तो फिर मैंने दोबारा उसको जींद बताया तो वहां मेरा जींद गांव है मैंने पूछा उसको आपका घर जींद में है तो जींद में है तो कौन से मोहल्ले में घर है उसने धीरे धीरे आवाज में बताया कि मेरा घर जींद में महावीर कॉलोनी में हनुमान मंदिर के पीछे मेरा घर है फिर मैंने धीरे धीरे उसके सभी रिश्तेदारों के नाम पूछा तो उसने अपने रिश्तेदारों के सभी के नाम बता दे अपने बेटे का भाई का घर वाली का बेटी का सबका नाम बताया फिर मैंने जींद में मेरे रिटायरमेंट साथी फौजी बलजीत सिंह पूर्णिया से संपर्क किया वहां पर श्रीमान बलजीत सिंह पूनिया ने जो पूर्व फौजी हैं उन्होंने तुरंत मेरी बात पर विश्वास किया और वो महावीर कॉलोनी में पहुंचे और उनके घर का पता किया और वहां पर उनकी फैमिली मिल गई उनके घर वाले उनका बेटा उनके बेटे सभी मिल गए उन्होंने बहुत खुशी जाहिर की जगजीत सिंह पूनिया ने यह बताया कि आपका पिताजी आज बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल में इस तरह से एक मेवा सिंह फौजी है उनके पास है वह उनकी सेवा कर रहे हैं तो बहुत खुश हुए उसी समय उन्होंने पैसों का बंदोबस्त किया और आने के लिए तैयारी कर ली आज वह उनको लेने के लिए आ रहे हैं इसमें ना लाने दो लाने में उनके बाल काटने में उनको डेली देख रेख करने में अक्षय कुमार ज्योति सिंह अजय विनोद विभोर गुप्ता गौरव यह सभी हमारे टीम के मेंबर है जो दिन रात इसमें पूरा सहयोग किया इससे विनोद को स्नान करने व् हेयर कटिंग करने में खाना खिलने व् पिलाने में इधर-उधर उसको धूप छांव में रखने में पूरा मदद कि ।आखिर उस अजनबी को उसके परिवार के साथ मिला दिया।