बीकानेर 18 जनवरी। डूंगर महाविद्यालय में सोमवार से छह दिवसीय राज्य स्तरीय द्वितीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला ज्ञान गंगा की शुरूआत प्राचार्य डाॅ. जी.पी. सिंह ज्ञान गंगा के राज्य समन्वयक डाॅ. विनोद भारद्वाज एवं रसायन विभाग प्रभारी डाॅ. सुषमा जैन द्वारा की गई। प्राचार्य डाॅ. जी.पी. सिंह ने अपने उद्बोधन में रसायन विभाग की उपलब्धियों व नवाचारों की प्रशंसा करते हुए विद्यार्थियों के समग्र विकास पर बल दिया। कार्यक्रम में महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय अजमेर की प्रोफेसर डाॅ. रीटा मेहरा ने धातुओं के मानव अंगों पर प्रभाव, उनके विश्लेषण की तकनीक पर उदाहरण सहित व्याख्यान दिया। सेन्ट्रल ड्रग रिसर्च सेंटर लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. आशीष अरोड़ा ने 600 मेगा हटर््ज के एन.एम.आर उपकरण पर कार्य करने की विधि का सजीव प्रदर्शन किया उन्होंने सी.डी.आर.आई संस्थान में उपलब्ध उपकरणों की कार्यप्रणाली कोे लाइव दिखाते हुए कोविड-19 की मशीन आर.टी.पी.सीआर द्वारा आरएनए के विश्लेषण के बारे में भी बताया। जी.सी.आर.सी के डाॅ एच.एस. भंडारी ने हैड्स आन ट्रेनिंग सत्र के दौरान जोटेरो सोफ्टवेयर के माध्यम से साईटेशन मैनेजमेंट को समझाया।

आयोजन सचिव डाॅ. एस.के. वर्मा ने बताया कि एक सप्ताह के कार्यक्रम में प्रथम बार वर्चुअल लैब टूर करवाने का नवाचार किया गया है। इसके अन्तर्गत प्रतिदिन एक आधुनिकतम प्रयोगशाला का सजीव प्रदर्शन किया जायेगा आज सेन्ट्रल ड्रग रिसर्च सेंटर लखनऊ की प्रयोगषाला से इसकी शुरूआत हुई।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्राचार्य डाॅ. जी.पी. सिंह का पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया। ज्ञान गंगा के राज्य समन्वयक डाॅ. विनोद भारद्वाज ने अपने अपने उद्बोधन मे काॅलेज शिक्षा में किये जा रहे नवाचारों की उपयोगिता व उपादेयता के बारे में बताते हुए विद्यार्थियों के कौशल विकास हेतु प्रयासशील रहने का आह्वान किया। कार्यक्रम में प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों के 55 सह एवं सहायक आचार्य उपस्थित रहे। संयोजन डाॅ. नरेन्द्र भोजक एवं धन्यवाद डाॅ. सुषमा जैन द्वारा व्यक्त किया गया।