बीकानेर,।संभाग के सबसे बड़े राजकीय डूंगर महाविद्यालय में गुरुवार क़ो ‘मेरी माटी मेरा देश ‘श्रृंखला के अंतर्गत अमृत कलश की स्थापना महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र पुरोहित द्वारा की गई राष्ट्रीय सेवा योजना के सभी वॉलिंटियर्स अपने-अपने गांव से मिट्टी व चावल लेकर आए और अमृत कलश में रखकर मातृभूमि का वंदन करने के उपरान्त वृक्षारोपण किया, प्राचार्य जी ने कलश स्थापना के पश्चात् बताया की मातृभूमि के संरक्षण हेतु हमें हमेशा तत्पर रहना चाहिए तथा पौधारोपण के प्रति जागरूक रहने का आह्वान किया ।
राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी केसरमल ने अमृत कलश का महत्व बताते हुए कहा कि आजादी के अमृत काल में अमृत वाटिका की स्थापना होना बहुत ही गर्व की बात है। 75 विभिन्न प्रजातियों के वृक्षों का रोपण करने एवं उनके सुरक्षा की जिम्मेदारी सभी स्वयंसेवकों को सौंपी। स्वयंसेवकों ने अमृत वाटिका में क्रांतिकारी भगत सिंह की पट्टिका लगाने का संकल्प लिया, इसमें एनएसएस के वॉलन्टियर्स यशसिंह, महेंद्र, अनुराधा, मनीष आदि अनेक वॉलन्टीयर्स उपस्थित रहे।


बीकानेर,।संभाग के सबसे बड़े राजकीय डूंगर महाविद्यालय में गुरुवार क़ो ‘मेरी माटी मेरा देश ‘श्रृंखला के अंतर्गत अमृत कलश की स्थापना महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र पुरोहित द्वारा की गई राष्ट्रीय सेवा योजना के सभी वॉलिंटियर्स अपने-अपने गांव से मिट्टी व चावल लेकर आए और अमृत कलश में रखकर मातृभूमि का वंदन करने के उपरान्त वृक्षारोपण किया, प्राचार्य जी ने कलश स्थापना के पश्चात् बताया की मातृभूमि के संरक्षण हेतु हमें हमेशा तत्पर रहना चाहिए तथा पौधारोपण के प्रति जागरूक रहने का आह्वान किया ।
राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी केसरमल ने अमृत कलश का महत्व बताते हुए कहा कि आजादी के अमृत काल में अमृत वाटिका की स्थापना होना बहुत ही गर्व की बात है। 75 विभिन्न प्रजातियों के वृक्षों का रोपण करने एवं उनके सुरक्षा की जिम्मेदारी सभी स्वयंसेवकों को सौंपी। स्वयंसेवकों ने अमृत वाटिका में क्रांतिकारी भगत सिंह की पट्टिका लगाने का संकल्प लिया, इसमें एनएसएस के वॉलन्टियर्स यशसिंह, महेंद्र, अनुराधा, मनीष आदि अनेक वॉलन्टीयर्स उपस्थित रहे।

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