

शौर्य शहादत और आजादी का प्रतीक हमारे देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा जिस की आन बान और शान के लिए हमें कृत संकल्प होना चाहिए और यह हमारे दिल में मनन होना चाहिए कि हम इस राष्ट्रीय ध्वज के फहराने के लायक हैं या नहीं या इसे झंडा ऊंचा रहे हमारा कहने के लायक है या नहीं। आइए आजादी प्राप्ति के 75 वर्ष पर तिरंगे के साथ हम कुछ संकल्प लें। तिरंगा फहराने का गर्व जिसे मिलता है उसने अपने जीवन में यह संकल्प रखना चाहिए कि मैं जीवन पर्यंत राष्ट्र सेवा देश प्रेम के लिए अपने जीवन की आहुति देना पड़ी तो दूंगा एवं राष्ट्र की जनता की सेवा इमानदारी से करूंगा। ईश्वर आपने इतने विशाल आबादी वाले देश में मुझे झंडा फहराने का अवसर देकर मेरा बड़ा मान बढ़ाया है और मैं अपने देश से यह वादा करता हूं कि मैं जीवन पर्यंत शहीदों के बलिदान को व्यर्थ ना जाने दूंगा और उनकी विचारधारा दिल में रखकर राष्ट्र की सेवा एवं रक्षा करूंगा। आजादी का सही अर्थ समझने के लिए सभी भारतवासी तिरंगा हाथ में लेकर संकल्प रखे की बुरा नहीं सुनूंगा, बुरा नहीं देखूंगा, बुरा नहीं कहूंगा और बुरा नहीं होने दूंगा तभी लाखों शहीदों के बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, इस संकल्प से भारत को स्वतंत्र कराने वाली उन सभी महान शहीदों की आत्माओ को शांति मिलेगी। आइए भारत देश के एक अच्छे जागरूक नागरिक और जिम्मेदार बनकर आम जनता भी संकल्प करे की भ्रष्टाचार, मिलावट खोरी, झूठ कपट – धोखाधड़ी और दंगा फसाद की आदत छोड़ कर सहचारिता सहयोग और शांति स्थापित करने में अपना योगदान दूंगा।
जय हिंद। वंदे मातरम। मेरा भारत महान
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)