जयपुर(हरीश गुप्ता )। कहते हैं, ‘तुलसी नर का क्या बड़ा, समय बड़ा बलवान, भीलनी लूटी गोपिका, वही अर्जुन वही बाण।’ समय-समय की बात है भाजपा में राज्य में पत्ता भी हिलाता था तो 13 नंबर बांग्ले से, लेकिन आज वीरान है। भाजपा की पहली सूची ने मानों बंगले की हवा ही बंद कर दी।
यह तो सभी को याद होगा नारा कहा जाता था ‘केसरिया में हरा-हरा, राजस्थान में वसुंधरा।’ सोमवार को भाजपा की पहली सूची ने इस नारे को भी थाम दिया तो उनके समर्थकों को गहरे संकट में डाल दिया। कारण अब कोई तिवारी बनना नहीं चाहेगा।
सूत्रों की मानें तो सोमवार को बीजेपी की 41 उम्मीदवारों की पहली सूची आते ही भाजपा प्रदेश कार्यालय में खुशी की लहर दौड़ गई। मायूस थे तो गुट विशेष के लोग। सबसे बड़ी बात तो यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से कोई राय भी नहीं ली गई। चर्चाएं जोरों पर है, ‘वसुंधरा गुट के खास माने जाने वाले राजपाल सिंह शेखावत, यूनुस खान का पहली लिस्ट में नाम नहीं आना, राजपाल का नाम कटना स्पष्ट संकेत है।’ ‘…कहीं भाजपा यहां भी गुजरात मॉडल लागू करेगी? गुजरात में पूर्व सीएम तक का टिकट काट दिया गया था।
सूत्रों की मानें तो सूची से नाम गायब होने के बाद राजपाल देर शाम समर्थकों के साथ 13 नंबर बंगले गए और शक्ति प्रदर्शन किया। चर्चाएं जोरों पर हैं, ‘पूर्व में टिकट लेने वालों की 13 नंबर बंगले पर इतनी जबरदस्त भीड़ होती थी, जितनी भाजपा प्रदेश मुख्यालय में नहीं होती थी।’ ‘उगते सूरज को ही सलाम किया जाता है।’
सूत्रों की मानें तो भाजपा की पहली सूची में 70 पर के केवल डा किरोड़ी लाल मीणा है। राजे गुट में 70 पर वालों की संख्या बहुत ज्यादा है। डॉ किरोड़ी कद्दावर नेता है और उनकी जीत सुनिश्चित मानी जा रही है। बीजेपी मुख्यालय में चर्चाएं जोरों पर हैं,’साढे़ चार साल मैडम पार्टी से दूर रही।’ ‘…जब पार्टी का राजधानी में प्रदर्शन था तब राजपाल, यूनुस खान, कालीचरण सर्राफ जैसे लोग सालासर में मौजूद थे।’ क्या पार्टी यह भूल जाएगी?
सूत्रों की मानें तो चर्चाएं यह भी है, ‘कांग्रेस ने डिजाइन बॉक्स को काम में ले रखा है।’ ‘…यहां तो दो जने ही बॉक्स डिजाइन करते हैं।’
-चुनाव की तारीख बढ़ सकती है:
सूत्रों की मानें तो बीजेपी राजस्थान में मतदान की तारीख बदलने की चुनाव आयोग से मांग करने की है। उसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि उस दिन देवउठनी एकादशी है और उस दिन का सावा सबसे बड़ा होता है। ऐसे में लाखों लोग वोट देने से वंचित रह सकते हैं।