बीकानेर – जयपुर / ओम दैया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 20 अक्टूबर को राजस्थान के सभी उच्च अधिकारियों की क्लाश लेकर राजस्थान में 26 अक्टूबर से मिलावटखोरों के विरूद्ध जोरदार अभियान चलाकर मिलावट मुक्त राज्य बनाने के स्पष्ट निर्देश दिये थे और कहा था कि यह मिलावटखोर समाज के दुश्मन है, इनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जावे। मुख्यमंत्री ने जिस जोश-खरोश के साथ अधिकारियों को निर्देश देकर मिलावट मुक्त राजस्थान बनाने की घोषणा की थी, लोगों ने इस बात व आश्वासन का जोरदार स्वागत किया था।
मुख्यमंत्री के निर्देश व घोषणा के अनुरूप बाकायदा जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग तथा पुलिस ने 26 अक्टूबर से इस अभियान की धड़ाके के साथ शुरूआत भी की, और पहले ही दिन अनेकों बड़े-बड़े मिलावटखोरों को पकडकर करोड़ों रूपये के मिलावटी सामान को नष्ट करवाया, इस अभियान का सारा फोकस लोगों के खाने-पीने के खाद्य पदार्थो पर है, जिनके खाने से लोगों का स्वास्थ्य खराब होता है।
बीकानेर में भी अभियान की शुरूआत करोड़ो रूपये के मिलावटी मावे को पकड़कर स्वास्थ्य विभाग ने की, जिससे जिले के समूचे मिलावटखोरों में दहशत का माहौल बन गया, और सूत्रों के अनुसार करणी इन्डस्ट्रियल ऐरिया के मिलावटी मिर्च-मशालों व घी-तेल इत्यादि बनाने वाली मिलों तथा अन्य कई जगह बने गोदामों व कारखानों से अरबों रूपये का बना मिलावटी सामान रातों रात गायब करके निर्मित स्थानों पर ताले लगा दिये गये।
बीकानेर में हुई इस प्रथम कार्यवाही के बाद पता नहीं मिलावटखोरों ने कौना हथकंडा इस्तेमाल किया, समूचे जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग व पुलिस को सांप सूंघ गया कि किसी भी बड़े मिलावटखोर को पकडऩा तो दूर की बात है, उनकी तरफ झांकना भी बंद कर दिया।
कहने को तो शुद्ध के लिये युद्ध अभियान चल रहा है, मगर त्यौहार के चलते मिलावटी सामग्री का दौर जारी है कार्यवाही के नाम पर सिर्फ मच्छरों का शिकार करके अभियान की खानापूर्ति के लिये सैम्पलों के आंकड़े बढ़ाये जा रहे है। यह बात जग जाहिर है कि बीकानेर मिलावटी मिर्च-मशालों, घी-तेल व मिठाई-नमकीन निर्माण का मुख्य केन्द्र है, और यहां से निर्मित हुवा यह मिलावटी खाने-पीने का सामान राजस्थान के अलावा पंजाब, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली सहित अन्य प्रदेशों में भी थोक के रूप में जाता है।
बीकानेर में बनने वाले इस मिलावटी खाने-पीने के सामान की अधिकांश फैक्ट्रीयां करणी इन्डस्ट्रियल ऐरिया में लगी हुई है, जानकारों के अुनसार करणी इन्डस्ट्रियल ऐरिया में बड़े रूप से कम से कम दस मिर्च-मशालों की व 15 से 20 घी-तेल की मिलों के अलावा 20 से अधिक मिठाई भुजिया के कारखाने लगे हुवे है, जहां रोज हजारों टन मिलावटी खाद्य सामग्री बनकर थोक के भाव सप्लाई हो रही है, फिर भी ताज्जुब है कि अभी तक शुद्ध के लिये युद्ध अभियान में शामिल किसी भी टीम ने वहां जाकर जांच करना तो दूर की बात है, देखने की भी जरूरत महसूस नहीं की है, जबकि इस तथ्य से सब वाफिक है कि अधिकांश मिलावटी माल तो उन फैक्ट्रियों व कारखानों में बन रहा है, जो बाजार में तो सिर्फ बिकता है, फिर भी बेचने वाले छोटे-छोटे मच्छरों का शिकार करके असली निर्माताओं मगरमच्छों पर हाथ नहीं डालना मिलीभक्त का स्पष्ट संकेत दे रा है।
वर्तमान में त्यौहारी सीजन चल रहा है, इन फैक्ट्रियों व कारखानों में रात-दिन थोक के रूप में खाद्य सामग्री का निर्माण हो रहा है, जहां ना तो नियमों की पालना की जा रही है और ना ही शुद्धता का ध्यान रखा जा रहा है। खुले आम जहरनुमा खाद्य सामग्री बनाकर मौत के सौदागर यह मिलावटखोर लोगों की जिन्दगी से खिलवाड़ कर रहे है।