-अनुमंडल पदाधिकारी ने एम्बुलेंस को कब्जे में लेकर थाना को किया सुपुर्द।

-एम्बुलेंस की उपयोग मरीज ढोने के बजाय के कई तरह की चीज में ।

बिहार(सुपौल)ओम एक्सप्रेस ब्यूरों-एक तरफ जहां कोरोना के बढ़ते संक्रमण से देश में प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन लागू कर दिया हैं।लॉकडाउन की सख्ती से पालन करने के लिए पूरे जिले में प्रशासनिक महकमा अलर्ट हैं। लेकिन लॉकडाउन के प्रति प्रशासन कितनी सख्ती बरत रहीं हैं इसका उदाहरण सोमवार की रात्रि जिले के त्रिवेणीगंज में देखने को मिली। जहां बिना किसी अनुमति से पिपरा स्थित जीवन ज्योति हॉस्पिटल के एम्बुलेंस पर हॉस्पिटल से जुड़े कर्मचारी ने जिले केे त्रिवेणीगंज बाजार स्थित दुर्गा मंदिर समीप एक ड्रग हाउस से मेडिसिन लोडकर पिपरा ले जा रहें थे। जिसकी सूचना किसी ने अपर अनुमंडल पदाधिकारी प्रमोद कुमार को दी।

मजे की बात तो यह हैं कि जिस ड्रग हॉउस की दुकान पर एम्बुलेंस पर दवा लोड हो रहीं थी, वहां से महज सौ मीटर की दूरी पर लॉकडाउन में अपर अनुमंडल पदाधिकारी ड्यूटी पर तैनात थे।लेकिन उन्हें इस बात की भनक तक भी नहीं लगी। सवाल उठता हैं कि लॉकडाउन के बाबजूद निजी हॉस्पिटल के एम्बुलेंस पर बिना अनुमति लिए कैसे दवा लोड किया गया। खैर जो हो लेकिन लॉकडाउन में प्रशासन की उदासीनता चर्चा का विषय बना हुआ हैं। जानकारों ने बताया कि लॉकडाउन में एम्बुलेंस की उपयोग मरीज ढोने के बजाय के कई तरह की चीज में हो रहीं हैं। हालांकि अपर अनुमंडल पदाधिकारी ने मौके पर एम्बुलेंस को कब्जे में लेकर थाना को सुपुर्द कर दिया हैं। इस बाबत मौके पर मौजूद ज्योति जीवन हॉस्पिटल के लाइव टेक्नीशियन गुड्डू कुमार पाठक ने पूछे जाने पर माना कि ड्रग हाउस त्रिवेणीगंज से इमरजेंसी मेडिसिन की चलते बिना अनुमति के एम्बुलेंस से ज्योति जीवन हॉस्पिटल दवाई ले जा रहे हैं।