

बीकानेर,( कविता कंवर राठौड़ ) बीकानेर पधारें जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी म.सा. ने शनिवार को औधोगिक क्षेत्र, रानी बाज़ार में गोयल भवन में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े महानुभावों को संबोधित करते हुए कहा कि- इंसान बाहरी चेहरा साफ रखता है, जिस पर दुनियां की नजर है ।
परन्तु भीतर के चेहरे को साफ नहीं रखता है, जिस पर कि ऊपर वालों की नजर होती है । उन्होंने कहा कि भीतर साफ होगा तो चेहरा स्वत: ही साफ होगा । जैनाचार्य ने मनुष्य के गुस्से पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि मन में क्रोध है तो आंखें लाल हो जाएगी ।
मन में घमंड है तो कंधे और चेहरे पर तनाव आएगा ।
मन प्रसन्न है तो चेहरे पर मुस्कुराहट होगी । मन ठीक तो सब ठीक ।
उन्होंने कहा कि कुछ पलों की मुस्कुराहट से अच्छी फोटो बना सकता है जिसे देखकर आप भी प्रसन्न हो जाते हैं तो फिर सदैव मुस्कुराइए ।
रामराज्य पर बोलते हुए आचार्य श्री ने कहा- रामराज्य से हजारों गुणां अधिक सुविधाएं इस समय है, पर, परस्पर सहयोग की भावना न होने से सुख नहीं, दुख ही बढ़ रहा है ।
अंदर से खुशबू पैदा करना है तो जन कल्याण के कार्य निस्वार्थ भाव से करते जाइये ।
धर्म पर बोलते हुए आचार्य जी ने कहा- धर्म केवल धर्म है ।
धर्म के आगे जो श्वेतांबर, दिगंबर, मूर्तिपूजक, तेरापंथी,स्थानकवासी लगाए गए हैं वो बाद में लगे हैं ।
जो दिगंबर धर्म,श्वेतांबर धर्म, तेरापंथी धर्म, स्थानकवासी धर्म इस तरह अपनाता है,वो महावीर तक नहीं पहुंच सकता,वो महाराज तक पहुंचकर ही अटक जाएगा ।
उसकी मोक्ष नहीं हो सकती है।
धर्म को धर्म के रूप में अपनाओगे तभी महावीर को पाओगे, धर्म का असली आनंद मिलेगा ।
संतों की सेवा जब संप्रदाय से उठकर की जाती है तो वो भाग्य बदल देती है ।
जिंदगी सब चाहते हैं, मौत कोई नहीं ।
यह शाश्वत सत्य है कि मृत्यु से बच कोई नहीं सकता ।
मृत्यु तक हंसते-हंसते जीते रहे तभी जीवन की सफलता है ।
आज की सभा को संघ संरक्षक श्री जयचंदलाल जी सुखानी ने संबोधित किया ।
डॉक्टर नरेश गोयल ने सभी का आभार माना ।
बालरत्न गौतम-सिद्धार्थ ने भक्ति गीत रखा । महिलारत्न पिंकी जी बरखा जी दिल्ली ने गुरु भक्ति प्रस्तुत की ।
दिल्ली, उदयपुर, मुंबई, जयपुर, आदि विभिन्न क्षेत्रों से भक्त पहुंचे हुए थे ।
प्रवचन पश्चात धर्मवीर श्री पोकरमल जी जैन के परिवार की तरफ से सभी के अल्पाहार की व्यवस्था की गई थी ।
आज अध्यक्ष डॉक्टर श्री नरेश जी गोयल का जन्मदिन भी है उनकी भक्ति का कमाल था कि आचार्य प्रवर का सानिध्य मिला ।
आज शाम को आचार्य प्रवर भीनासर नवकार भवन पधारेंगे।
27 फरवरी रविवार को अरिहंत भवन में प्रवेश की संभावना है ।