स्वतंत्रता के इस दौर में हर व्यक्ति कुछ ना कुछ कहने, करने और दिखाने के लिए स्वतंत्र है। जिसका जैसा दिमाग वैसा उसका काम। अच्छे दिमाग, कम दिमाग और बुरे दिमाग वाले भी हैं। में यहां पर चर्चा कर रहा हूं जनता की तकलीफ के बारे में कुछ लोग खास करके जो कि सरकारी नौकरी में है बहुत से दयालु होते हैं वह जनता का दर्द समझते हैं और उनके काम को आसानी से करते हैं, कुछ ऐसे होते हैं जो भ्रष्ट हैं बिना रिश्वत लिए कुछ काम नहीं करते यदि किसी का फोर्स आ जाता है तो उस काम को टालने के लिए कुछ ना कुछ अड़ंगा लगा देते हैं। सरकारी व्यवस्था इस प्रकार है कि यदि किसी ने आप से रिश्वत मांगी और आपके पास प्रूफ नहीं है तो आप कुछ नहीं कर सकते। जबकि वह रिश्वत किसी के थ्रू ही मांगते हैं तो आप उसका क्या प्रूफ करोगे। अच्छे दिमाग वाला यदि देश के सर्वोच्च पद पर रहे तो देश तरक्की करेगा, और वही यदि कपटी, स्वार्थी है तो देश को बर्बाद होने में देर नहीं लगेगी। दोस्तों तरह-तरह के दिमाग की जो बात कही आप बाहर नहीं अपने परिवार अपने घर में भी देखोगे, सबके दिमाग अलग-अलग चलते होंगे जहां सामंजस होगा वहां स्वर्ग होगा और जहां सभी अपना दिमाग उपयोग करेंगे वहां पर महाभारत होगी। हमेशा पॉजिटिव सोचो जब बूरे दिमाग वाले आपको अड़ंगा लगाते हैं तब आप अपने दिमाग में ठंडक रखे और समय का इंतजार करे कठीनाई से डरना नहीं है कठीनाई का सामना करे और शांति से मुस्कुराते हुए मनन करे ईश्वर यदि आपके साथ है तो आपका काम होगा ही यह विश्वास बनाए रखो।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)

