

भाटी ने पत्र में लिखा है कि बज्जू जाटाबास निवासी मघाराम राईका से इसी गांव निवासी त्रिलोकाराम से काफी समय से आवासीय भूमि का विवाद चल रहा था । मघाराम को जान से मारने की त्रिलोकाराम से बार-बार धमकियां मिल रही थी और इस बाबत पुलिस थाना बज्जू में पूर्व में लिखित परिवाद भी दिया था लेकिन उस परिवाद पर किसी से पूछताछ तक नहीं की गई । इसी दौरान मघाराम अपने ससुराल तंवरवाला गाड़ी लेकर गया और वही से गाड़ियों से विरूद्ध वालों ने इसका पीछा किया और मोडायत गांव के पास गाड़ी आड़ी लगाकर मघाराम को रोकने का प्रयास कर फायर किये । पत्र में लिखा है कि जिस पर मघाराम परिवार सहित गाड़ी को लेकर आगे निकल गया और मुख्य सड़क छोड़ मुख्य नहर इं.गां.न. परियोजना के कच्चे राह नहर के पट्ड़े पर गाड़ी ले गया लेकिन विरूद्ध गाड़ी वालों ने पीछा नहीं छोड़ा और पास में आकर फिर फायर किये जिस पर मघाराम ने गाड़ी रोक दी और गाड़ी रोकते ही दहशत डर केे मारे बच्चों की मां चारों बच्चों को लेकर नहर में कूद गई । इस पर विरूद्ध गाड़ी वाले गाड़ी लेकर भाग गये । मघाराम ने तुरन्त अपने परिवार को बचाने नहर में कूद कर अपनी पत्नी और दो बच्चों को नहर से निकाल बचा लिया लेकिन दो छोटे बच्चे पानी के साथ नहर में बह गये । बाद नहर तलाशी में दोनों बच्चों की लाशें मिली । पत्र में आरोप है कि इस घटना पर बज्जू पुलिस लीपा पोती कर खुद मुस्तगीस मघाराम पर आरोप लगा रही है कि गाड़ी पीछा करना, फायर करना की तुम झुठी कहानी बना रहे हो ।


– कोई पुलिसवाला नहर में कूद कर बता दे
भाटी ने कहा है कि मुझे कोई पुलिस वाला अपने परिवार को लेकर 27 फीट गहरी नहर में छलांग लगा के बता दें तो हम चुप हो जायेंगे । पुलिस थाना बज्जू वालों ने राजनैतिक लोगों से बराबर मिलीभगत कर रखी है । पिछले वर्ष भी एक 93 वर्षीय गुलाबसिंह को कुल्हाड़ी से पुलिस का सामना करने के आरोप में उसे थाने में लाकर बैठा दिया जिस पर हमारे द्वारा थाने में विरोध करने पर पुलिस अधीक्षक ने सिर्फ एक हवलदार का स्थानान्तरण कर इतिश्री कर ली । यहां कभी किसी को न्याय नहीं मिलता है और थाने वाले मनमर्जी, मिलीभगत चलाते हैं । अभी तक 25 जून की घटना की और 26 तारीख की प्रथम सूचना रिपोर्ट पर कोई गिरफ्तारी भी नहीं की है और ना ही जांच की दिशा सही चल रही है ।
