_प्रधानमंत्री मोदी आज उद्घाटन करेंगे

नई दिल्ली : नई दिल्ली शहर के विजय चौक और इंडिया गेट जिस सड़क से जुड़ती है, बुधवार यह नाम तथा पुरानी पहचान अब इतिहास बन गई हैं। करीब 3.20 किमी लंबा राजपथ नए रंग-रूप में अब कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार शाम सात बजे इसका उद्घाटन करेंगे। अपने नए रूप में कर्तव्य पथ के आस-पास लाल ग्रेनाइट से करीब 15.5 किमी का वॉकवे बना है। बगल में करीब 19 एकड़ में नहर भी है। इस पर 16 पुल बनाए गए हैं। फूड स्टॉल के साथ दोनों तरफ बैठने का भी इंतजाम है। पूरे क्षेत्र के करीब 3.90 लाख वर्ग मीटर में फैली हरियाली भी दर्शनीय है। दिलचस्प यह कि वॉक वे व बेहतर पार्किंग स्थल विकसित करने के साथ पैदल यात्रियों के लिए नए अंडरपास बने हैं। शाम ढलने पर इसका नजारा बदला-बदला होगा। अंधेरा घिरने पर जिन अत्याधुनिक लाइट्स से यह जगमगाएगा, उसका अनुभव ही अलग होगा। शुक्रवार से यह हिस्सा आम लोगों के लिए आम होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 28 फुट ऊंची प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे। ग्रेनाइट पत्थर पर उकेरी गई इस प्रतिमा का वजन 65 मीट्रिक टन है। बुधवार इसे उसी स्थान पर स्थापित की जा रही है, जहां बीते 23 जनवरी पराक्रम दिवस पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था।

विदित हो कि आजादी से पहले राजपथ को किंग्स वे और जनपथ को क्वींस वे के नाम से जाना जाता था। स्वतंत्रता मिलने के बाद क्वींस वे का नाम बदलकर जनपथ कर दिया गया था। जबकि किंग्स वे राजपथ के नाम से जाना जाने लगा। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के बाद अब इसका नाम कर्तव्य पथ कर दिया गया है। केंद्र सरकार का मानना है कि राजपथ से राजा के विचार की झलक मिलती है, जो शासितों पर शासन करता है। जबकि लोकतांत्रिक भारत में जनता सर्वोच्च। नाम में बदलाव जन प्रभुत्व और उसके सशक्तिकरण का एक उदाहरण है।

बता दें कि ब्रिटिश काल में कर्तव्य पथ को किंग्सवे कहा जाता था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में औपनिवेशिक सोच दर्शाने वाले प्रतीकों को समाप्त करने पर जोर दिया था
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2047 तक अगले 25 वर्ष में सभी लोगों के अपने कर्तव्य निभाने के महत्व पर जोर दिया है और ‘कर्तव्यपथ’ नाम में इस भावना को देखा जा सकता है

केंद्र सरकार ने इससे पहले भी अनेक मार्गों के नाम बदलकर जन-केंद्रित नाम रखे गए हैं।
साल 2015 में रेसकोर्स रोड का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग किया गया, जहां प्रधानमंत्री आवास है। साल 2015 में औरंगजेब रोड का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम रोड किया गया। साल 2017 में डलहौजी रोड का नाम दाराशिकोह रोड कर दिया गया। अकबर रोड का नाम बदलने के भी अनेक प्रस्ताव आए हैं, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

इस क्षेत्र के महत्व को जाने
19 एकड़ में फैले नहर के इलाके को पुनर्विकसित किया गया है। पैदल यात्रियों के लिए इस पर 16 पुल बनाए गए हैं। कृषि भवन और वाणिज्य भवन के पास बोटिंग कर सकेंगे।
-यहां पर पार्किंग लॉट बनाया गया है। इसमें 1,125 गाड़ियां खड़ी हो सकेंगी। इसके अलावा इंडिया के पास भी पार्किंग के लिए स्पेस है, जहां 35 बसें खड़ी होंगी।
-74 ऐतिहासिक लाइट पोल्स और चेन लिंक्स को रिस्टोर किया गया है। साथ ही 900 से ज्यादा नए लाइट पोल्स भी लगाए गए हैं।
-सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में 3.90 लाख वर्ग मीटर का ग्रीन एरिया है। लोगों के टहलने के लिए 15.5 किमी लंबा रास्ता तैयार किया गया है। इस पर रेड ग्रेनाइट लगा हुआ है।
-पूरा इलाका सीसीटीवी की जद में है। वहीं, करीब 80 सुरक्षा कर्मी हर वक्त तैनात रहेंगे।

उल्लेखनीय हैं कि नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने बुधवार को राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर कर्तव्य पथ किया। इस संबंध में हुई एनडीएमसी की विशेष बैठक में प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास किया। विजय चौक से इंडिया गेट तक राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन एनडीएमसी के अधिकार क्षेत्र में आते है। यहां केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय, विभाग, कार्यालय स्थित है। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने की। उन्होंने बताया कि आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय से एनडीएमसी को राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलने के संबंध में एक अनुरोध प्राप्त हुआ था। एनडीएमसी ने लोकतांत्रिक व्यवस्था, सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए सर्वसम्मति से प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके पीछे लोक कल्याण और राष्ट्र विकास की दिशा में कर्तव्यों को अपनाने की प्रेरणा देने और इस क्षेत्र के पूरे औपनिवेशिक इतिहास को लोकतांत्रिक राष्ट्र की थीम और मूल्यों पर बदलने की मंशा है। उन्होंने राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने के निर्णय को ऐतिहासिक करार दिया।