बीकानेर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से गुरुवार को पेश किये गये अपनी सरकार के दूसरे आम बजट से बड़ी उम्मीदें लगाये बैठे बीकानेर की झोली इस बार भी खाली रह गई। दो मंत्रियों केबिनेट मंत्री डॉ.बीडी कल्ला और उच्च शिक्षामंत्री भंवरसिंह का गृहजिला होने के कारण बीकानेर के लोग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट से खासी उम्मीदें लगाये बैठे थे लेकिन बजट में मिला कुछ नहीं। लोगों को उम्मीद थी बजट में बीकानेर की बड़ी जरूरतों को पूरा किया जाएगा और यहां औद्योगिक और पर्यटन विकास के लिये बड़ी घोषणा होगी,औद्योगिक विकास के लिये बीकानेर के उद्यमियों को पूरी उम्मीद थी कि इस बार के बजट में गजनेर में नये औद्योगिक क्षेत्र की घोषणा की जा सकती है,इसके अलावा व्यापार जगत लम्बे अर्से से फूड पार्क की उम्मीद लगाए बैठा था, लेकिन बजट में फूड पार्क का भी जिक्र नहीं किया गया।
शहर के लोग लम्बे समय से रेलवे फाटकों की समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन इन पर बजट में कोई चर्चा नहीं हुई। बीकानेर को उम्मीद थी कि रेलवे फाटकों की समस्या से निजात दिलाने के लिये बजट में बाईपास अथवा किसी विकल्प की घोषण हो सकती है लेकिन मुख्यमंत्री ने बजट में इसकी चर्चा तक नहीं की। इसके अलावा सौर ऊर्जा हब, जिप्सम हब की घोषणा होगी,लोगों को इस बार बजट में नोखा में एडीजे कोर्ट खुलने की पूरी उम्मीद थी। लेकिन मुख्यमंत्री ने बजट पेश करते समय बीकानेर से जुड़ी इन उम्मीदों का जिक्र तक नहीं किया। गुरूवार को जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सदन में बजट पेश कर रहे थे तो शुरू से लेकर बजट के अंतिम क्षणों तक बीकानेर लोगों की निगाहें टीवी व इंटरनेट पर टिकी हुईं रही,मगर विडम्बना रही कि पूरे बजट के दौरान बीकानेर का सिर्फ एक बार ही जिक्र होने से यहां के लोग खासे नाराज दिखे।