-अन्य राज्यों से लौटकर गांव आने से ग्रामीणजन में खौफ

-स्थानीय प्रशासन कुछ भी बोलने को नही तैयार।

-कालाबाजारी में 30 से 40 रुपए देकर मास्क खरीदने को विवश लोग।

बिहार(सुपौल)- प्रशांत कुमार (ओम एक्सप्रेस ब्यूरों)- जिले के त्रिवेणीगंज प्रखण्ड क्षेत्र में पंचायतीराज विभाग द्वारा पंचम वित्त की राशि से पंचायतों में लोगों के बीच साबुन, सैनिटाइजर और मास्क का वितरण नहीं किया जा रहा है। जिस कारण कोरोना से संबंधित के नियमों का पालन पंचायत स्तर पर नहीं हो रहा है। गरीब पैसे के अभाव में बिना मास्क के इधर- उधर घूमते नजर आ रहे हैं। इस कारण त्रिवेणीगंज प्रखण्ड में कोरोना के पांव पसारने की संभावना बढ़ गई है। इस मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन कुछ भी बोलने को तैयार नही है।राज्य सरकार ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रभाव से ग्रामीणों को बचाने के लिए मुखिया को पंचायत में मास्क वितरण एवं सैनिटाइजेशन के लिए पंचायतीराज विभाग द्वारा प्रत्येक पंचायत को राशि का आवंटन किया गया है। बावजूद इसके आम लोगों को मास्क और सैनिटाइजर नसीब नहीं हो सका। लोग कम लागत वाली मास्को को भी कालाबाजारी में 30 से 40 रुपए देकर खरीदने को विवश हैं।लोगों की माने तो कुछेक मुखिया चंद लोगों के बीच मास्क और सैनिटाइजर का वितरण कर खानापूर्ति करने में लगे हैं। जबकि कई पंचायतों में इसकी सुगबुगाहट तक नहीं है। निर्देश दिया गया था की राशि प्राप्ति के साथ ही सैनिटाइजर और मास्क की खरीदारी कर लोगों के बीच वितरित किया जाए व इसकी उपयोगिता प्रमाण पत्र संबंधित बीडीओ को उपलब्ध कराया जाए बावजूद इसके मुखिया और पंचायत सचिव के उदासीनता के चलते सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर ग्रहण लग गया है। वहीं गांव में कोरोना संकट मंडराने लगा है जिला प्रशासन इस ओर ध्यान दें तो कई अनियमितताएं सामने आ जाएगी।

अन्य राज्यो से लौटकर गांव आने से ग्रामीणजन में खौफ

देश की आधे से अधिक आबादी गांव में है। लेकिन ग्रामीण अर्थव्यवस्था में रोजगार नही होने से लोग आर्थिक समृद्धि बनने के लिए यहां के लोग अन्य राज्य का रुख करते है।वर्तमान परिस्थितियों में बड़ी संख्या में लोग वापस अन्य राज्य से गांव लौटे है।इस स्थिति में ग्रामीण जन खौफ में है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए मास्क व सैनिटाइजर भी नही है।