नई दिल्ली : देश के निर्माणाधीन नए संसद भवन पर आज सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तम्भ का उद्घाटन किया। इसमें राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के तीनों शेर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं।
खबरों के अनुसार, यह प्रतिमा कांस्य धातु की बनी है और इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है। अनावरण के बाद वहां निर्माण कार्यों में लगे कामगारों के साथ पीएम मोदी ने बातचीत भी की।

प्राप्त जानकारी अनुसार, संसद की छत पर लगाई गई राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ की प्रतिमा का वजन 9500 किलो है और यह कांस्य धातु से बनाया गया है। इसके साथ ही इस स्तंभ की ऊंचाई 6.5 मीटर है। यह प्रतिमा यहां लगने से पहले आठ चरणों से गुजरी, जिसमें इसकी स्केचिंग, निर्माण और पॉलिशिंग शमिल है।

विदित हो कि इस नए संसद भवन में 1224 सदस्य बैठेंगे। इस भवन का निर्माण दिसंबर 2022 तक पूरा कर लेने की योजना है। इस नए संसद भवन के निर्माण में करीब 1000 करोड़ रुपए की लागत आई है। नए संसद परिसर के बन जाने के बाद पुराने संसद भवन को संग्रहालय में तब्दील कर दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह नया संसद भवन शीतकालीन सत्र के दौरान साज सज्जा, फर्नीचर के साथ बनकर पूरी तरह तैयार हो जाएगा।

लगभग 93 वर्ष पुराना है मौजूदा संसद भवन
पीएम मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को को नई इमारत का शिलान्यास किया। ये एक तिकोनी इमारत है जबकि मौजूदा संसद भवन आकार वृत्ताकार है। सरकार और अधिकारियों के अनुसार संसद के बढ़ते काम के कारण एक नई इमारत के निर्माण की आवश्यकता महसूस की गई। अभी का संसद भवन ब्रिटिश दौर में बना था जो लगभग 93 वर्ष पुराना है और उसमें जगह और अत्याधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था नहीं है।

वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रगति मैदान में ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग और 5 अंडरपास का उद्घाटन किया था। यह परियोजना प्रगित मैदान रिडेवलेपमेंट प्रोजेक्ट का एक अभिन्न अंग बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की कुल लागत 920 करोड़ से अधिक आई है।