-डीजीपी उमेश मिश्रा का वीआरएस मंजूर; उत्कल रंजन साहू को अतिरिक्त चार्ज..
जयपुर./
डीजीपी उमेश मिश्रा ने 11 महीने पहले ही वीआरएस ले लिया है। सरकार ने उमेश मिश्रा का वीआरएस मंजूर कर लिया है। कार्मिक विभाग ने शुक्रवार रात इसके आदेश जारी कर दिए हैं। होमगार्ड डीजी उत्कल रंजन साहू को डीजीपी का अतिरिक्त चार्ज दिया है। नए डीजीपी की नियुक्ति तक साहू काम संभालेंगे। नए साल में अब प्रदेश में नए डीजीपी की नियुक्ति होगी।
उमेश मिश्रा कांग्रेस सरकार के वक्त डीजीपी बने थे। मिश्रा को 27 अक्टूबर 2022 को डीजीपी नियुक्त करने के आदेश जारी हो गए थे। मिश्रा को एमएल लाठर की जगह डीजीपी नियुक्त किया गया था। लाठर के रिटायर होने के बाद मिश्रा ने 3 नवंबर 2022 को डीजीपी का चार्ज संभाला था। मिश्रा को चार्ज संभालने से दो साल साल की अवधि के लिए डीजीपी नियुक्त किया था। उमेश मिश्रा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 तक था, उन्होंने 11 महीने पहले ही वीआरएस ले लिया है।
नए साल में प्रदेश को नए सीएस और डीजीपी मिलेंगे
प्रदेश में अब जल्द नए मुख्य सचिव(सीएस) और डीजीपी की नियुक्ति होगी। राज्य सरकार के स्तर पर इसकी एक्सरसाइज शुरू हो गई है। नए डीजीपी के लिए राज्य सरकार यूपीएससी को पैनल भेज रही है। यूपीएससी से मंजूरी के बाद नए फुल टाइम डीजीपी की नियुक्ति होगी।
प्रदेश में नए मुख्य सचिव की नियुक्ति भी जल्द होने के आसार हैं। सीएस उषा शर्मा का 31 दिसंबर को कार्यकाल पूरा हो रहा है। महीने का आखिरी वर्किंग डे होने के कारण सीएस उषा शर्मा को आज सचिवालय में एक सादे समारोह में आईएएस एसोसिएशन ने विदाई दी।
साहू सबसे सीनियर IPS, लेकिन सर्विस 6 महीने की बची
साहू फुल टाइम डीजीपी बनने की रेस में माने जा रहे हैं। साहू साल 1988 बैच के आईपीएस अफसर हैं। साहू अभी सीनियरिटी लिस्ट में नंबर वन पर हैं। वे उमेश मिश्रा से भी सीनियर हैं। उमेश मिश्रा साल 1989 बैच के आईपीएस अफसर हैं। गहलोत सरकार ने दो अफसरों की सीनियरिटी लांघकर उमेश मिश्रा को डीजीपी बनाया था।
अभी साहू 1988 बैच के अकेले अफसर हैं और सबसे सीनियर हैं। हालांकि साहू की सर्विस 6 महीने ही बची है। वे जून में रिटायर हो जाएंगे। इसके बाद 1989 बैच के अफसर हैं। 1989 बैच के अब दो ही आईपीएस हैं, डीजी जेल भूपेंद्र कुमार दक और सीआरपीएफ की डीजी बनाई गई नीना सिंह। इसके बाद 1990 बैच के तीन आईपीएस अफसर हैं, डीजी पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन राजीव शर्मा, डीजी पुलिस ट्रेनिंग जंगा श्रीनिवास राव और डीजी एससीआरबी साइबर क्राइम रवि प्रकाश मेहरड़ा।